खम्भात की खाड़ी वाक्य
उच्चारण: [ khembhaat ki khaadei ]
उदाहरण वाक्य
- वन सम्पदा अधिकतर ऊपरी थाले तथा उद्गम स्थल पर धनीभूत है और जैसे-जैसे नदी चौड़ी होती जाती है और खम्भात की खाड़ी के मुहाने पर पहुँचती है यह निम्नतर होती जाती है ।
- नर्मदा मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक से निकल कर गुजरात में खम्भात की खाड़ी में मिलने तक 1312 किमी ० का सफ़र तय करती है, जिसमे सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 1077 किमी ० प्रवाहित होती है.
- बंगाल की खाड़ी, खम्भात की खाड़ी और अंडमान क्षेत्र से लगे सागर में मौजूद अमूल्य खनिज संपदाओं, प्राकृतिक गैस, परतों की बनावट एवं धातु तत्वों की मौजूदगी आदि का पता लगाने के लिए सरकार ने अपतटीय एवं समु्रदी सर्वेक्षण शुरू किया है।
- मूल धारा तिब्बत से आरम्भ होकर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरयाणा, राजस्थान और गुजरात होती हुई अरब सागर में खम्भात की खाड़ी में गिरती थी जो अब सतलज तट पर सिधवान तथा साबरमती के वर्तमान उद्गम स्थल के मध्य सूख चुकी है.
- वैज्ञानिकों के मुताबिक वहां नौ हजार साल पुरानी चीजें मिली हैं गुजरात में खम्भात की खाड़ी में भारत की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ओशन टेक्नोलॉजी के समुद्र वैज्ञानिकों को समुद्रतल से 120 फ़ीट नीचे संरचनाएं मिली थी, जिनके बारे में कहा जाता रहा है कि वे पुरातात्विक अवशेष हैं.
- मध्यप्रदेश के शहडोल जले में स्थित मैकल पर्वत श्रेणी की अमरकंटक चोटी से निकलकर गुजरात राज्य में खम्भात की खाड़ी में समुद्र से मिलने वाली नर्मदा नदी की लम्बाई लगभग १ ३ २ १ कि. मी. है! परन्तु मध्य भारत के हजारों श्रद्धालु इस नदी की पूरी लम्बाई में परिक्रमा करते हैं!!
- मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले में विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ों में अमरकंटक नाम का एक छोटा-सा गाँव है उसी के पास से नर्मदा एक गोमुख से निकलती है तथा तेरह सौ किलोमिटर का सफर तय करके अमरकंटक से निकलकर नर्मदा विन्ध्य और सतपुड़ा के बीच से होकर भडूच (भरुच)के पास खम्भात की खाड़ी में अरब सागर से जा मिलती है..
- मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले में विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ों में अमरकंटक नाम का एक छोटा-सा गाँव है उसी के पास से नर्मदा एक गोमुख से निकलती है तथा तेरह सौ किलोमिटर का सफर तय करके अमरकंटक से निकलकर नर्मदा विन्ध्य और सतपुड़ा के बीच से होकर भडूच (भरुच) के पास खम्भात की खाड़ी में अरब सागर से जा मिलती है..
- यह अभूतपूर्व घटना 22 जुलाई, बुधवार को पूर्वी भारत मे खम्भात की खाड़ी से शुरू होगी| सुबह सुबह मछुवारे एक ऐसा सूर्योदय देखेंगे जैसा उन्होने पहले कभी नही देखा| प्रतिदिन के चमकते सूर्य के बजाय एक काले ब्लैक-होल जैसी आकृति दिखायी देगी जो कि पूरे आकाश मे चमकती हुयी प्रकाश धाराओ से घिरी होगी| समुद्री पक्षी चहचहाना भूल जायेंगे क्योकि उन्हे पता नही चलेगा कि दिन की शुरूआत हो गयी या नहीं|