खासी भाषा वाक्य
उच्चारण: [ khaasi bhaasaa ]
उदाहरण वाक्य
- खासी भाषा के कई-कई अखबार निकलते हैं, यह भाषा स्कूलों में पढ़ाई का माध्यम भी है, विधानसभा और सरकारी कामकाज में इसे मान्य प्राप्त है।
- किन फाम सिं नौगकिनरिह खासी भाषा के प्रमुख कवि हैं, और देश के उस भाग में रहते हैं जहाँ सबसे ज्यादा बारिश होती है यानी कि चेरापूंजी।
- मेघालय में खासी भाषा के जयंतिया और भोई रूपों के अतिरिक्त गारो भाषा मिलेगी पर पुरानी राजधानी होने के कारण सभी प्रान्तों के कुछ न कुछ लोग यहाँ मिलेंगे.
- उसने आकर ‘ खुबलई ' (खासी भाषा में नमस्कार) करते हुए, सूचना दी कि आपलोगों को चेरापूंजी ' ले जाने के लिए बस आकर लग गई है.
- भारतीय संदर्भ में खासी भाषा इसका उदाहरण है, जो पहले यूनेस्कों की खतरे की स्थिति वाली भाषाओं में शामिल थी, लेकिन मेधालय सरकार द्वारा उसे कामकाज की भाषा बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल शुरू करने से उसे नया जीवन मिल गया है.
- खासी भाषा के कवि किन फाम सिं नौगकिनरिह की एक कविता कुछ निन्दनीय पंक्तियाँ माँ के लिए की कड़ी यहाँ दे रहा हुँ मर्यादा की दृष्टि से कविता यहाँ प्रकाशित नही कर पा रहा हुँ और उसका लिंक दे रहा हुँ कविता के कुछ शब्द आघात जनक है, परन्तु कवि बहुत सहजता से अपने शब्दों को कह जाते हैं
- इस सन्दर्भ में मुझे खासी भाषा के कवि “ किम फाम ” की कविता की याद आती है जिसमें माँ के लिए लिखी गई कविता में एक ऐसी चिड़चिड़ी, बात बात पर गरियाने वाली, लातों घूँसों से बाते करने वाली अधेड़ औरत का जिक्र था जो अपने बच्चों से अच्छा बुरा हर तरह का काम करवाती है।
- खासी भाषा के कवि किन फाम सिं नौगकिनरिह की एक कविता कुछ निन्दनीय पंक्तियाँ माँ के लिए की कड़ी यहाँ दे रहा हुँ मर्यादा की दृष्टि से कविता यहाँ प्रकाशित नही कर पा रहा हुँ और उसका लिंक दे रहा हुँ कविता के कुछ शब्द आघात जनक है, परन्तु कवि बहुत सहजता से अपने शब्दों को कह जाते हैं [...]
- खासी भाषा के कवि किन फाम सिं नौगकिनरिह की एक कविता कुछ निन्दनीय पंक्तियाँ माँ के लिए की कड़ी यहाँ दे रहा हुँ मर्यादा की दृष्टि से कविता यहाँ प्रकाशित नही कर पा रहा हुँ और उसका लिंक दे रहा हुँ कविता के कुछ शब्द आघात जनक है, परन्तु कवि बहुत सहजता से अपने शब्दों को कह जाते हैं [...]
- खासी भाषा के कवि किन फाम सिं नौगकिनरिह की एक कविता कुछ निन्दनीय पंक्तियाँ माँ के लिए की कड़ी यहाँ दे रहा हुँ मर्यादा की दृष्टि से कविता यहाँ प्रकाशित नही कर पा रहा हुँ और उसका लिंक दे रहा हुँ कविता के कुछ शब्द आघात जनक है, परन्तु कवि बहुत सहजता से अपने शब्दों को कह जाते हैं