गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत वाक्य
उच्चारण: [ gaurutevaakersen kaa sidedhaanet ]
उदाहरण वाक्य
- दूसरे प्रसिद्ध खगोलशास्त्री थे, ब्रह्मगुप्त, जो उज्जैन के खगोलीय वेधशाला के प्रमुख थे और खगोलशास्र पर एक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी, और भास्कराचार्य भी उज्जैन के वैधशाला के प्रमुख थे, वराहमिहिर ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत प्रस्तुत किया जो बताया है कि एक बल है जिसके कारण कोई वस्तु पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है और जो आकाशीय पिंडों को अपने निश्चित स्थान पर बना रखता है।
- गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत (जो चौथी कक्षा में सीखा) पृथ्वी हर चीज को अपनी तरफ खींचती है (उसके Mass के कारण), आप चाहे आगे जायें या पीछें, दायें या बायें, धकेलें या खीचें पृथ्वी आपको उतनी ही शक्ती से नीचे की और खीचेगी, इस शक्ती का प्रभाव तभी आप पर प्रभाव डालेगा जब आप चढ़ाई पर उतर रहे हों या चढ़ रहे हों.
- यह सिद्ध हो गया है कि मनुष्य का मस्तिष्क दायें और बाएँ दो हिस्सों में बटा हुआ है दाया हिस्सा श्रद्धा और कलात्मक आदि वस्तुओं को संचालित करता है | इसे हम अंतरात्मा की आवाज कह सकते है | न्यूटन जैसे महान वैज्ञानिक का “ गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत ” भी इसी का एक उदाहरण है | बाएं मस्तिष्क को तर्क मस्तिष्क कहा गया है, सारा अर्थमेटिक एवं साइंस इसी का एक रूप है, इसलिए जीवन में दोनों भागों की आवश्यकता होती है |