गोविन्द मिश्र वाक्य
उच्चारण: [ gaovined misher ]
उदाहरण वाक्य
- समकालीन साहित्य में अपनी अलग पहचान बनाने वाले विख्यात कथाकार गोविन्द मिश्र का उपन्यास है ' कोहरे में कैद रंग'।
- प्रियंवद, गोविन्द मिश्र, संजीव, मिथिलेश्वर, सुषमा मुनीन्द्र, मंजूर एहतेशाम, मेहरुन्निसा परवेज, प्रियरंजन...
- गोविन्द मिश्र ने अपनी प्रिय पुस्तक अफगानी लेखक खलिद हुसैनी के उपन्साय ‘ थउजेंड स्प्लेण्डिड सन्स ‘ पर बात की।
- गोविन्द मिश्र ने १९६३ से नियमित लेखन के संसार में प्रवेश किया जो अभी तक निर्बाध गति से जारी है।
- अब तक श्री गोविन्द मिश्र के दस उपन्यास, ग्यारह कहानी संग्रह, पांच यात्रा वृतांत, चार निबंध संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।
- श्री गोविन्द मिश्र अपनी कहानियों से लेकर अपनी ज़िंदगी तक एकदम सुलझे हुए, बेबाक और खुले हुए रचनाकार रहे हैं।
- गोविन्द मिश्र की प्रतिक्रिया दो टूक थी-' ' दोनों कहानियों में कथ्यात्मकता पर ज्यादा जोर देकर अपनी बात कहने की कोशिश की गई है।
- ज्ञानरंजन, राजेन्द्र यादव, गोविन्द मिश्र, मृणाल पांडे आदि विभिन्न स्थापित कथाकारों से लेकर अनेक आलोचकों तक ने इसकी विविध कमजोरियों को गिनाया।
- सर्वश्री प्रभाकर क्षेत्रिय, डॉ. सूर्यप्रकाश दीक्षित और प्रो. लालचन्द गुप्त की निर्णायक समिति ने श्री गोविन्द मिश्र की इस पुस्तक को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया।
- गोविन्द मिश्र की आकरामाला में हमारे संबंधों की संरचना में शहर धीरे से दाखिल होता है और धीरे-धीरे अपनी क्षुद्र उंचाइयां समेत स्थापित हो जाता है.