चौरासी वैष्णवन की वार्ता वाक्य
उच्चारण: [ chauraasi vaisenven ki vaaretaa ]
उदाहरण वाक्य
- हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन का वास्तविक सूत्रपात् 19 वीं शताब्दी से माना जाता है यद्यपि मध्यकालीन कृति वार्ता-साहित्य यथा-‘ चौरासी वैष्णवन की वार्ता ', ‘ दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता ' तथा ‘ भक्तमाल ' आदि में अनेक कवियों के व्यक्तित्व और कृतित्व का परिचय मिलता है किन्तु इतिहास लेखन के लिए अपेक्षित कालक्रमानुसार वर्णन का नितान्त अभाव होने के नाते इन ग्रन्थों को पूर्ण इतिहास-ग्रन्थ कहने में संकोच है।