जयसेन वाक्य
उच्चारण: [ jeysen ]
उदाहरण वाक्य
- ३. कुन्दकुन्द के समयसार के टीकाकार जयसेन ने १ २ वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में समयसार टीका में परमात्मप्रकाश का एक दोहा उद् धृत किया है।
- पर रसायन के प्रभाव से नागार्जुन का सिर वज्र तुल्य हो गया था, इस कारण जयसेन के द्वारा कई बार काटने पर भी नागार्जुन का सिर नहीं कटा।
- इसके बाद अपनी जड़ी-बूटियों वाली थैली में से एक जड़ी-बूटी निकाली, उसका रस निचोड़ दिया और उसे तलवार पर मलकर जयसेन से बोले, ‘‘ बेटा, अब मेरा सिर काट डालो! ''
- जयसेन ने अंधकार में खड़े उस योद्धा को लक्ष्य करके पूछा-" माहिष्मती के लिए कौन-सा मार्ग निरापद होगा?" "आचार्य शैवलिक द्वारा निर्देशित मार्ग भंते!" "साधु नायक! देवमित्र सकुशल तो हैं?" "वे आपके संकेत की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
- इस बीच वृद्ध ब्राह्मण के रूप में पृथ्वी पर पहुँचकर इन्द्र जयसेन के पास गये और गुप्त रूप से यों बोले, ‘‘ बेटा, क्या तुम यह बात नहीं जानते कि तुम्हारे पिता बुढ़ापे और मरण से परे हैं?
- जानने का प्रयास करेंगे! कपिलवस्तु में जयसेन नाम का एक शाक्य रहता था! सिंहहनु उसका पुत्र था! सिंहहनु का विवाह कच्चाना से हुआ था, उसके पाँच पुत्र थे! शुद्धोधन, धौतोधन, शु क्लोदन, शाक्योदन, तथ ा अमितोदन! पाँच पुत्रों के अतिरिक्त सिंहहनु की दो लड़किया थी, अमिता तथा प्रमिता! परिवार का गोत्र आदित्य था! शुद्धोधन का विवाह महामाया से हुआ था!