जान निसार अख्तर वाक्य
उच्चारण: [ jaan nisaar akhetr ]
उदाहरण वाक्य
- ये दो बड़े फनकार तो हमारे बीच नहीं रहे पर मुकेश, जान निसार अख्तर और खय्याम की रचनाशीलता के संयोग से निकला अमर गीत आज भी श्रोताओं को आह्लादित कर रहा है।
- अक्सर प्रेमी युगल आँखों का उपयोग बातें करने में भी करते हैं शायद ऐसे ही किसी जोड़े को देख जान निसार अख्तर ने लिखा “ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया “ ।
- “जब कभी तुमने नजरें उठायीं” से शुरु हुआ अंतरा जान निसार अख्तर, मुकेश और खय्याम की तिकड़ी ने ऐसे जोर देकर प्रस्तुत किया है मानो यूनिवर्सल ट्रूथ प्रकार की वास्तविकता का बखान किया जा रहा है।
- “ जब कभी तुमने नजरें उठायीं ” से शुरु हुआ अंतरा जान निसार अख्तर, मुकेश और खय्याम की तिकड़ी ने ऐसे जोर देकर प्रस्तुत किया है मानो यूनिवर्सल ट्रूथ प्रकार की वास्तविकता का बखान किया जा रहा है।
- फिल्म-प्यासे दिल (1974) का यह गीत मरहूम शायर जान निसार अख्तर ने लिखा था और इसे संगीतबद्ध किया था मशहूर संगीतकार खय्याम ने और इस खूबसूरत गीत को अपने दिल से निकले स्वर से जीवंत बनाया था मुकेश ने।
- फिल्म-प्यासे दिल (1974) का यह गीत मरहूम शायर जान निसार अख्तर ने लिखा था और इसे संगीतबद्ध किया था मशहूर संगीतकार खय्याम ने और इस खूबसूरत गीत को अपने दिल से निकले स्वर से जीवंत बनाया था मुकेश ने।
- शुरू के कुछ साल मजरूह साहब और साहिर साहब के साथ काम करने के बाद ओ पी जी ने कमर जलालाबादी, शेवन रिज़वी, नूर देवासी, एस एच बिहारी, जान निसार अख्तर जैसे उर्दू शायरोंके साथ ज्यादा काम किया था.
- सन 1976 के अगस्त माह ने भारतीय फिल्म संगीत और इसके प्रेमियों पर बड़ा जुल्म किया पहले तो 19 अगस्त को जान निसार अख्तर को काल ने अपना ग्रास बना लिया और कुछ ही दिन बाद 27 अगस्त को मुकेश को भी धरा से बुला लिया गया।
- सन 1976 के अगस्त माह ने भारतीय फिल्म संगीत और इसके प्रेमियों पर बड़ा जुल्म किया पहले तो 19 अगस्त को जान निसार अख्तर को काल ने अपना ग्रास बना लिया और कुछ ही दिन बाद 27 अगस्त को मुकेश को भी धरा से बुला लिया गया।
- १. ये गीत जिस अभिनेत्री पर है उन्हें उनके फिल्मों में योगदान के लिए वर्ष २ ०० ९ में पदम् श्री से सम्मानित किया गया था. २. इस मस्ती भरे गीत को लिखा जान निसार अख्तर ने. ३. मुखड़े में इस शब्द की पुनरावर्ती है-“ अभी ”.