जासूसी दुनिया वाक्य
उच्चारण: [ jaasusi duniyaa ]
उदाहरण वाक्य
- इब्ने सफी मूलतः उर्दू में लिखा करते थे जिनका “ जासूसी दुनिया ” नामक मासिक पत्रिका में उर्दू और हिन्दी दोनों ही भाषाओं में प्रकाशन हुआ करता था।
- अक्टूबर 1957 में उन्होंने कराची में असरार प्रकाशन नाम से स्वयं की संस्था की शुरुआत की और पाकिस्तान में जासूसी दुनिया के प्रथम अंक ' ठंडी आग' का प्रकाशन हुआ.
- जल्द आ रहा है-जासूसी दुनिया (हिंदी) का प्रथम अंक जो आज से लगभग 60 साल पहले (1952) में प्रकाशित हुआ था इब्ने सफी द्वारा लिखित-खून की...
- इसके बाद पचास के दशक से आरंभ होने वाला पूरा दौर रहा है इलाहाबाद से छपने वाली किताबों का, जब उर्दू जासूसी दुनिया का बांगला और हिन् दी उल् था होता।
- उन् होंने हमारे कमरे से जासूसी दुनिया और इस तरह की किताबें हटा दीं और मुंशी प्रेमचंद, शरतचंद्र और रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कहानियां रख दीं और कहा कि अब तुमको ये पढना है।
- करीम का चरित्र तो एक समय के बहु पठित इब्ने सफी बी ये के जासूसी दुनिया सीरीज के हंसोड़ किरदार कासिम की याद दिलाता है-लगता है करीम का चरित्र कासिम से ही अनुप्राणित है!
- जासूसी दुनिया के प्लेटिनम अंक की भूमिका में इब्ने सफ़ी ने पाठकों को बताया कि उनके ज़्यादातर उपन्यास पूरी तरह ओरिजिनल थे अलबत्ता आठ या दस की कथावस्तु यूरोप के विख्यात जासूसी लेखकों के कार्यों पर आधारित थी.
- वर्ना एक दौर ऐसा भी था जब अब्बास हुसैनी के निकहत पब्लिकेशन से प्रकाशित होने वाली जासूसी दुनिया के नाॅवेलों की एडवांस बुकिंग होती थी, पिछड़ जाने की सूरत में कई बार लोगों को ब्लैक में खरीदना पड़ता था।
- उन दिनों पढ़ी गई पुस्तकों में से कुछ हैं जासूसी दुनिया के सारे अंक तथा गुलशन नंदा के अधिकतर उपन्यासों के अलावा चन्द्रकान्ता, चन्द्रकान्ता सन्तति, भूतनाथ, रोहतासमठ, झाँसी की रानी, चित्रलेखा, पथ के दावेदार, गोदान आदि।
- इब्ने सफी उर्दू में लिखते थे और मूल उर्दू जासूसी दुनिया के मुख्य पात्रो के नाम कर्नल फ़रीदी कैप्टन हमीद इमरान आदि थे जिन्हें हिन्दी में अनुवाद करते समय अनुवादक प्रेम प्रकाश जी कर्नल विनोद (फ़रीदी) और राजेश (इमरान) कर दिया करते थे।