ज्योली वाक्य
उच्चारण: [ jeyoli ]
उदाहरण वाक्य
- तिवाड़ी लोग हरतालिका को ही जनेऊ बदलते हैं, तो गिरदा के साथ मैं भी उसके गाँव ज्योली (हवलबाग) जाता था तो गिरदा की माँ उस दिन मेरा जनमबार मनाती थी।
- कालान्तर में मेरे नाना ने अपना परिवार अपने छोटे भाई बद्रीदत्त तिवाड़ी (वैद्य जी) के संरक्षण में अपने पैतृक गाँव ज्योली (अल्मोड़ा में हवालबाग से ढाई-तीन किमी. दूर) रख दिया।
- सन् 19 ४ 3 में अल्मोड़ा के ज्योली ग्राम में जन्मे गिरीश तिवारी को स्कूली शिक्षा ने जितना भी पढना-लिखना सिखाया हो, सत्य यह है कि समाज ही उसके असली विश्वविद्यालय बने.
- जहाँ भी जनसंघर्ष था गिर्दा उन सभी जगहों पर कवि-गायक-नायक के रूप में अनिवार्य रूप से विद्यमान रहे. गिरीश चन्द्र तिवाङी 'गिर्दा' का जन्म 1945 में ज्योली हवालबाग में श्री हंसादत्त तिवाङी तथा श्रीमती जीवन्ती तिवाङी के घर पर हुआ.
- धर्मशाला: ज्वालामुखी निर्वाचन क्षेत्र में तीन नए चैकडैमों के निर्माण के लिए नाबार्ड के तहत 3 करोड़ 58 लाख रूपये स्वीकृत किए गए हैं जिसमें नगरोटा खड्ड पर 76 लाख, जलंधर लाहड़ में नकेहड़ खडड पर एक करोड़ 11 लाख ज्योली खड्ड में 1 करोड़ 71 लाख की लागत से चैक डैम निर्मित किए जाएंगे।
- देखना इसमें कुछ है कि नहीं … ‘ अरे गौं गाड़ को पत्त दिण तै भई हमारी पुरानी परिपाटी / जिल्ल अल्मोड़ा, गौं ज्योली, पट्टी तल्ला स्यूनरा में हवालबाग की घाटी / भुस्स पहाड़ में जन्म मेरो, च्यून-च्यून बसी भै हिमाल / शीशि मेरो असमान पूजी, काखि में लोटि रूनी म्यर डाँडी-काँठी। '
- अपने गाँव ज्योली से दूर रहते हुए उसके लिए कवि का दिल कितना तड़पता है इन पंक्तियों में देखा जा सकता है-तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे / जिंदगी की डगर में हरेक शाम पर / मौसमी सीढ़ियों के हर पायदान पर / तुम बहुत ही सताती हो ज्योली मुझे / तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे।
- अपने गाँव ज्योली से दूर रहते हुए उसके लिए कवि का दिल कितना तड़पता है इन पंक्तियों में देखा जा सकता है-तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे / जिंदगी की डगर में हरेक शाम पर / मौसमी सीढ़ियों के हर पायदान पर / तुम बहुत ही सताती हो ज्योली मुझे / तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे।
- अपने गाँव ज्योली से दूर रहते हुए उसके लिए कवि का दिल कितना तड़पता है इन पंक्तियों में देखा जा सकता है-तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे / जिंदगी की डगर में हरेक शाम पर / मौसमी सीढ़ियों के हर पायदान पर / तुम बहुत ही सताती हो ज्योली मुझे / तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे।
- अपने गाँव ज्योली से दूर रहते हुए उसके लिए कवि का दिल कितना तड़पता है इन पंक्तियों में देखा जा सकता है-तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे / जिंदगी की डगर में हरेक शाम पर / मौसमी सीढ़ियों के हर पायदान पर / तुम बहुत ही सताती हो ज्योली मुझे / तुम बहुत याद आती हो ज्योली मुझे।