झरि वाक्य
उच्चारण: [ jheri ]
उदाहरण वाक्य
- चिरजीवो बसंत! सदा द्विजदेव प्रसूननि की झरि लायो करैं सुर ही के भार सूधो सबद सुकीरन के मंदिरन त्यागि करैं अनत कहूँ न गौन।
- पास में रह गया सिर्फ एक बैरागी दुपहर में गुम हवा के बीच लगातार झिप-झिप बरसते मेह का निर्वेद-झरि लागे रे महलिया गगन घहरा य...
- दान झरि सिंधुर है, जग को बसुंधार है, बिबुधा कुलनि को फलित कामतरु है पानिप मनिन को, रतन रतनाकर को, कुबेर पुन्यजनन को, छमा महीधारु है।
- मन पंछी उडि जइहें, जा दिन मन पंछी उडि जइहें ता दिन तेरे तन तरुवर के, सबहिं पात झरि जइहें सूरदास जी का यह भजन मुझे बहुत प्रिय है.
- समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जायसदा रहे नहिं एक सौ, का रहीम पछितायकविवर रहीम कहते हैं कि समय आने पर अपने अच्छे कर्मों के फल की प्राप्ति अवश्य होती है।
- समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जात सदा रहै नहीं एक सौ, का रहीम पछितात? कविवर रहीम कहते हैं कि समय चक्र तो घूमता रहता है और उसी के अनुसार मनुष्य को अपने कर्मो का फल मिलता है।
- थानाधिकारी भीम सिंह ने बताया कि सुमित्रा पुत्री गणपतराम जाट निवासी घसीपुरा ने अपने पति पर दहेज का मामला 18 मई का दर्ज करवाया था जिसपर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए हरिद्वार सिंह पुत्र बीरबल सिंह जाट ढाणी झरि की तन कल्याणपुरा थाना श्रीमाधोपुर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
- कबीर की कोई समझ मुझे न पहले थी न आज है, लेकिन भागवत सुनते हुए कहीं से उड़कर कान में पड़ी रेडियो में बज रहे न जाने किस गायक के गाए पद की झनकार आज भी निर्वेद के क्षणों में मेरे भीतर गूंजती है-झरि लागे रे महलिया, गगन घहरा य... गगन घहरा य...