तक्षिला वाक्य
उच्चारण: [ teksilaa ]
उदाहरण वाक्य
- यह क्रूर संयोग ही है कि जब इंगलैण्ड में आक्सफोर्ड (1096) और कैम्ब्रिज (1209) जैसे विश्वविद्यालय स्थापित हो रहै थे तो भारत में तक्षिला, जगद्दाला (1027), और नालन्दा (1193) जैसे विश्वविद्यालय मुस्लिम आक्रान्ताओं दुआरा उजाडे जा रहै थे।
- तक्षिला, टांकशर, सिंघपुर, टोंक, मथुरा, कर्कोटनगर, इन्दौरपुरा, नागौर, पद्मावती, कान्तिपुरी, भोगवती, विदिशा, उज्जैन, पुरिका, पौनी, भरहूत, नागपुर, नंदी-वर्धन, एरण, पैठन आदि नाग राजाओं के महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं.
- आब मोदी को देखिये, च्न्द्रगुप्त मौर्य को भूल जाते हैं, नालन्दा को पाकिस्तान की तक्षिला से मिक्स करते हैं, सरदार पाटेल के दाह संस्कार के लिये किसी पेपर से खाःण्ड्न कराते हैं औउर पी एम के सपने देखते हैं/ इस लोमडी के अंगूर खट्टे हैं.
- विक्रम ने कहा की, शक राजाओं के पास विशाल सेनाये है, संग्राम भयंकर होगा, तो उसके मित्रो ने उसे आश्वासन दियाकी, जब तक आप उज्जैन नगरी को नही जीत लेंगे, तब तक सौराष्ट्र व तक्षिला की सेनाओं को हम आप के पास फटकने भी न देंगे।
- अस्ति च न अस्ति! किसी व्याह्मोह में मान लूँ इसे मात्र प्रकृति तो निर्भ्रम खड़ी हो जाती हैं अटल संस्थाएं विद्रूप और एक दुःख की तरह रह जाता है प्रेम बुद्ध हार जाता है अपने देश में उसका निष्कासन नालंदा और तक्षिला के खंडहरों पर मंडराता है हिंसा के कोहराम में.
- बेसनगर स्थित हिलियोडोरस स्तम्भ (खाम्बबा) से वैष्णव धर्म के विषय में जानकारी प्राप्त होती है तथा ऐसा भी ज्ञात होता है क़ी विदिशा में भागभद्र के दरबार में तक्षिला से यावंदूत हिलियोडोरस और उसने वैष्णव धर्म की अच्छाइयों को देखकर भागवत धर्म स्वीकार कर विष्णु मन्दिर का निर्माण करवाया तथा गरुड़ स्तम्भ की स्थापना की थी।
- त्रिवेणी नाम इसलिए दिया गया था की संगम पर तीन नदिया मिलती है, गंगा, जमुना, सरस्वती, गंगा ओर जमुना के धरे सतह पर नजर आते है लेकिन सरस्वती तो तक्षिला के रस्ते से बह कर आती थी, वह जमीन दोज हो चुकी है, त्रिवेणी के तीसरे मिसरे का कम सरस्वती दिखाना है जो पहले दो मिसरो में छुपी है. ”
- इस देश में जहाँ एक ओर वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत एवं गीता जैसी ज्ञान एवं दर्शन के सागर से सुसज्जित कालजयी कृतियों एवं महाकाव्यों की रचना हुई वहीं दूसरी ओर नालंदा, तक्षिला एवं विक्रमशिला जैसे शिक्षा केन्द्रों की स्थापना ज्ञान के अर्जन हेतु की गई, जहाँ देशी एवं विदेशी असंख्य छात्रों ने ज्ञान का अर्जन किया तथा अपने भावों एवं विचारों के परस्पर आदा-प्रदान से देशीय संस्कृति को नवीन आयाम दिया।
- चाणक्य जिसे तक्षशिला नामक नगर का निवासी बताया गया है, उस समय चंद्रगुप्त आठ या नौ वर्ष का बालक रहा होगा तब चाणक्य ने अपनी दिव्यदृष्टि से चन्द्रगुप्त को देखा और राजत्व की प्रतिभा तथा चिह्न देखे और वहीं पर 1,000 कार्षापण देकर उसे उसके पालक-पिता से ख़रीद लिया और चन्द्रगुप्त को लेकर अपने नगर लौटा और 7 या 8 वर्ष तक उस तक्षिला प्रख्यात विद्यापीठ में उसे शिक्षा दिलाई, उस समय की समस्त ‘विधाएँ तथा कलाएँ' सिखाई जाती थीं।