तत्वबोधिनी वाक्य
उच्चारण: [ tetvebodhini ]
उदाहरण वाक्य
- गुरूदेव की पहली कविता ‘ अभिलाषा ' 1874 में तत्वबोधिनी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई तब वे मात्र 13 वर्ष के थे.
- 1843 ई. में उन्होंने ' तत्वबोधिनी पत्रिका ' प्रकाशित की, जिसके माध्यम से उन्होंने देशवासियों को गम्भीर चिन्तन हृदयगत भावों के प्रकाशन के लिए प्रेरित किया।
- ' मौजूदा ', ' सर्वान्शतः ', ' सच्चे ', ' कब्र ' और ' प्राणशोषक '-इन शब्दों की तत्वबोधिनी व्याख्या आपके दिमाग में अनायास ही भासित हो उठेगी ।
- 1850 में रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित “ तत्वबोधिनी “ पत्रिका ने प्रकाशित किया--” जो किसान जमीन में धान या दूसरा अन्न बोकर आसानी से सारे साल परिवार का पेट पाल सकता था।
- इसके पश्चात 1863 में ‘ लोकमित्र ' (मासिक), ‘ भारत खंडामृत ' (1864-आगरा), ‘ तत्वबोधिनी ' (1866-बरेली), ‘ ज्ञान प्रदायिनी पत्रिका ' (1866-लाहौर), आदि पत्र प्रकाशित हुए ।
- इसीप्रकार, ‘ हिंदू पैट्रियट ', ‘ सोमप्रकाश ', और ‘ तत्वबोधिनी पत्रिका ' तथा साहित्य के क्षेत्र में माईकेल मधुसुदन और दीनबंधु मित्र की तरह के साहित्यकारों के आविर्भाव ने बांग्ला भाषा और बंग साहित्य में एक नये युग का प्रारंभ किया था।
- बंगदूत (1829), प्रजामित्र (1834), बनारस अखबार (1845), मार्तंड पंचभाषीय (1846), ज्ञानदीप (1846), मालवा अखबार (1849), जगद्दीप भास्कर (1849), सुधाकर (1850), साम्यदंड मार्तंड (1850), मजहरुलसरूर (1850), बुद्धिप्रकाश (1852), ग्वालियर गजेट (1853), समाचार सुधावर्षण (1854), दैनिक कलकत्ता, प्रजाहितैषी (1855), सर्वहितकारक (1855), सूरजप्रकाश (1861), जगलाभचिंतक (1861), सर्वोपकारक (1861), प्रजाहित (1861), लोकमित्र (1835), भारतखंडामृत (1864), तत्वबोधिनी पत्रिका (1865), ज्ञानप्रदायिनी पत्रिका (1866), सोमप्रकाश (1866), सत्यदीपक (1866), वृत्तांतविलास (1867), ज्ञानदीपक (1867), कविवचनसुधा (1867), धर्मप्रकाश (1867), विद्याविलास (1867), वृत्तांतदर्पण (1867), विद्यादर्श (1869), ब्रह्मज्ञानप्रकाश (1869), अलमोड़ा अखबार (1870), आगरा अखबार (1870), बुद्धिविलास (1870), हिंदू प्रकाश (1871), प्रयागदूत (1871), बुंदेलखंड अखबर (1871), प्रेमपत्र (1872), और बोधा समाचार (1872)।