तोलोङ सिकि वाक्य
उच्चारण: [ toloneg siki ]
उदाहरण वाक्य
- साथ ही “कुँड़ख उराँव उन्नति समाज झारखण्ड, राँची” के महासम्मेलन में दिनांक 02.05.2007 को तोलोङ सिकि की प्रस्तुति को सराहा गया तथा तोलोङ सिकि को सरकारी मान्यता प्राप्त करने की दिषा में कार्य किये जाने की घोषणा की गई।
- पुनः दिनांक 03. 04.2007 को तोलोङ सिकि (लिपि) का संषोधित एवं परिवर्द्धित संस्करण (अपग्रेडेड वर्जन) राँची विष्वविद्यालय, राँची के केन्द्रीय पुस्तकालय के सभागार में मुख्य अतिथि श्री बंधु तिर्की, मंत्री, झारखण्ड सरकार, मानव संसाधन विकास विभाग के द्वारा लोकार्पित किया गया।
- भगत की उपस्थिति में एक बैठक हुए जिसमें तोलोङ सिकि (लिपि) के विकास की तकनीकी पहलुओं पर विचार विमर्ष हुआ और यह निर्णय लिया गया कि नई लिपि का आधार सामाजिक एवं सांस्कृतिक हो जो वर्तमान टेक्नोलाॅजी पर भी खरा उतरे।
- इसी क्रम में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, षाखा-रातू, राँची (झारखण्ड) द्वारा संचालित आदिवासी बाल विकास विद्यालय रातू, राँची में वर्ष 2002 से तोलोङ सिकि के माध्यम से तीसरी कक्षा से सातवीं कक्षा तक कुँडु़ख़ भाषा की पढ़ाई-लिखाई होती है।
- उसके बाद डा नारायण उराँव ‘ सैन्दा ' द्वारा लिखित पुस्तक “ तोलोङ सिकि का उद्भव और विकास ” दिनांक 0 6.12.2003 को संत जाॅन स्कूल, राँची के सभागार में मुख्य अतिथि डाॅ 0 बहुरा एक्का द्वारा लोकार्पित किया गया।
- साथ ही “ कुँड़ख उराँव उन्नति समाज झारखण्ड, राँची ” के महासम्मेलन में दिनांक 0 2.05.2007 को तोलोङ सिकि की प्रस्तुति को सराहा गया तथा तोलोङ सिकि को सरकारी मान्यता प्राप्त करने की दिषा में कार्य किये जाने की घोषणा की गई।
- साथ ही “ कुँड़ख उराँव उन्नति समाज झारखण्ड, राँची ” के महासम्मेलन में दिनांक 0 2.05.2007 को तोलोङ सिकि की प्रस्तुति को सराहा गया तथा तोलोङ सिकि को सरकारी मान्यता प्राप्त करने की दिषा में कार्य किये जाने की घोषणा की गई।
- जनसामान्य हेतु लोकार्पण के बाद दिनांक 23 जनवरी 2000 को विनोवाभावे विष्वविद्यालय, हजारीबाग के पूर्व कुलपति डाॅ 0 बहुरा एक्का की अध्यक्षता में कार्तिक उराँव बाल विकास विद्यालय, सिसई, गुमला में ‘ तोलोङ सिकि ' की पढ़ाई-लिखाई का षुभारंभ किया गया।
- इसी क्रम में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, षाखा-रातू, राँची (झारखण्ड) द्वारा संचालित आदिवासी बाल विकास विद्यालय रातू, राँची में वर्ष 2002 से तोलोङ सिकि के माध्यम से तीसरी कक्षा से सातवीं कक्षा तक कुँडु़ख़ भाषा की पढ़ाई-लिखाई होती है।
- पुनः दिनांक 0 3. 04.2007 को तोलोङ सिकि (लिपि) का संषोधित एवं परिवर्द्धित संस्करण (अपग्रेडेड वर्जन) राँची विष्वविद्यालय, राँची के केन्द्रीय पुस्तकालय के सभागार में मुख्य अतिथि श्री बंधु तिर्की, मंत्री, झारखण्ड सरकार, मानव संसाधन विकास विभाग के द्वारा लोकार्पित किया गया।