नंददुलारे वाजपेयी वाक्य
उच्चारण: [ nendedulaar vaajepeyi ]
उदाहरण वाक्य
- बाबू गुलाबराय, डॉ0 सत्येन्द्र, प्रकाशचंद्र गुप्ता, नंददुलारे वाजपेयी और शांतिप्रिय द्विवेदी सोचते थे कि यह व्यक्ति हिन्दी-समीक्षा-साहित्य में कुछ करके दिखाएगा, उनकी आशाओं पर भी तुषारापात हो गया।
- कमला प्रसाद ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए आचार्य नंददुलारे वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ ही, साहित्य को उनके मूलभूत अवदान के बारे में बताया।
- इस पर डॉ. नंददुलारे वाजपेयी जी ने लिखा है-÷जैनेन्द्र ने एक बार कहा था कि उनके सभी उपन्यासों की नारियाँ प्रतिव्रत और सतीत्व के द्वन्द्व की प्रतीक है।
- प्रगतिवादियों और नंददुलारे वाजपेयी ने अज्ञेय और प्रयोग की दृष्टि पर जो आक्षेप लगाए, उनका करारा जवाब अज्ञेय ने दूसरा सप्तक(1951) और तीसरा सप्तक(1959) की भूमिकाओं में दिए हैं।
- आचार्य नंददुलारे वाजपेयी का कथन है कि ” प्रयोगवादियों में यदि कोई प्रगतिशील संभाग हो, तो उनके प्रतिनिधि के रूप में शमशेर बहादुर को स्वीकार किया जा सकता है।
- इस पर डॉ. नंददुलारे वाजपेयी जी ने लिखा है-÷ जैनेन्द्र ने एक बार कहा था कि उनके सभी उपन्यासों की नारियाँ प्रतिव्रत और सतीत्व के द्वन्द्व की प्रतीक है।
- आचार्य नंददुलारे वाजपेयी का मंतव्य है-” मानव अथवा प्रकृति के सूक्ष्म किंतु व्यक्त सौंदर्य में आध्यात्मिक छाया का भान मेरे विचार से छायावाद की एक सर्वमान्य व्याख्या हो सकती है।
- भारत में रस सिध्दांत के प्रमुख आचार्यों में भरत मुनि, भट्टनायक, अभिनवगुप्त, भोजराज, विश्वनाथ, जगन्नाथ, रामचन्द्र शुक्ल, नंददुलारे वाजपेयी एवं नगेन्द्र की गणना की जा सकती है।
- पं हजारी प्रसाद द्विवेदी, जैनेंद्र कुमार, अज्ञेय, यशपाल, नंददुलारे वाजपेयी, डॉ. नगेंद्र, रामवृक्ष बेनीपुरी तथा डा. रामविलास शर्मा आदि ने विचारात्मक निबंधों की रचना की है.
- नंददुलारे वाजपेयी (योगेन्द्र नाथ शर्मा) एवं तेलुगु साहित्य पर अरविंद का प्रभाव (एस. शेषारत्नम्) के साथ साथ उदय प्रताप सिंह व डॉ. श्रीराम परिहार के आलेख संग्रह योग्य हैं।