नरसिह वाक्य
उच्चारण: [ nersih ]
उदाहरण वाक्य
- मंदिर के चारो ओर अन्य कलात्मक मूर्तियों का भी अंकन है जिनमे से मुख्य रूप से भगवान विष्णु के दशावतारो में से वामन, नरसिह, कृष्ण और राम की प्रतिमाएँ है।
- अम्मा-सत्ययुग में असुर चक्रवर्ती हिरण्यकशिपु के प्रश्न के उत्तर में जब प्रह्लाद ने उत्तर दिया, “ इस स्तंभ में भी ईश्वर विराजमान हैं ”, तो उस स्तंभ से ईश्वर नरसिह रूप में प्रकट हुए।
- अगर इसके उलट पीवी नरसिह राव के दौर यानी 1991-96 के वक्त मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधार के आईने में घोटाले और उसकी कहानियों को देखें तो अभी के वक्त पर सवाल खड़ा हो सकता है।
- 16. जिस देश में कभी नानक, एकनाथ, नामदेव, नरसिह मेहता, तुलसी, कबीर, मीरा की तूती बोलती थी, आज उस देश में कृपा बरसानेवाले बाबाओं की बाढ़ आ गयी हैं.
- इसमे विष्णु भगवान के अलग-अलग अवतार जैसे नरसिह रुप, राम और क्रिशन के रुप दिखाये जाते है.साथ ही साथ अन्य भगवानो हनुमानजी, दुर्गाजी, काली मा के भी फ्लोट देखने को मिलते है.गोवा वासियो का जोश देखने लायक होता है.
- इसमे विष्णु भगवान के अलग-अलग अवतार जैसे नरसिह रुप, राम और क्रिशन के रुप दिखाये जाते है.साथ ही साथ अन्य भगवानो हनुमानजी, दुर्गाजी, काली मा के भी फ्लोट देखने को मिलते है.गोवा वासियो का जोश देखने लायक होता है.
- इसमे विष्णु भगवान के अलग-अलग अवतार जैसे नरसिह रुप, राम और क्रिशन के रुप दिखाये जाते है.साथ ही साथ अन्य भगवानो हनुमानजी, दुर्गाजी, काली मा के भी फ्लोट देखने को मिलते है.गोवा वासियो का जोश देखने लायक होता है.
- न दिन न रात का समय-संध्या समय ; न आकाश में, न भूमी पर-अपनी गोद में लेटाया ; न भीतर न बाहर-देहली पर ; न मानव न पशु-नरसिह ; निरायुध-अपने नाखूनों से वध किया।
- पहले कैलाश परिक्रमा में जाने वाले ग्रुप ‘‘ए‘‘ में टीम लीडर श्री हरन के अलावा श्री राकेश जुनेजा, विक्रम (दिल्ली), मस्करा, सुरेश, परेश भाई, भूपेन्द्र प्रजापति, एन.आर. मोदी (अहमदाबाद), नरसिह नारायण जोशी, अशोक भाई (पोरबंदर) रामशरण (चंडीगढ़), मोनषर्शा दम्पति (आणन्द), जी.एन शास्त्री व श्रीमति एन.जी. शास्त्री (बंगलौर), ईश्वर भट्ट (मंगलोर), श्रीमाता (
- ढोल ग्यारस पर निकाली शोभायात्राबामौरकलां-!-डोल ग्यारस पर्व के मौके पर रविवार को कस्बे के मंदिरों से भगवान के विमानों की भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में आसपास के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कस्बे में नरसिह मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर तथा बांकेबिहारी मंदिरों की शोभायात्रा प्रमुख बाजारों से होती हुई मेन मार्केट पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया। भगवान की शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद तालाब प्रांगण पहुंची जहां पूजा, अर्चना के बाद प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। भगवान गजानन की शोभायात्रा क्षेत्र के निबौदा, कालीपहाड़ी, बुढ़ानपुर, भरसूला, दिदावनी, खैरादा, रतवास आदि ग्रामों में भी निकली।