नाथूराम मिर्धा वाक्य
उच्चारण: [ naathuraam miredhaa ]
उदाहरण वाक्य
- जोधपुर जिले में परसराम मदेरणा और झुंझुंनू में शीशराम ओला की तरह नाथूराम मिर्धा परिवार का जादू तो अब नागौर जिले की एक जाति विशेष में नहीं रहा मगर फिर भी यहां चुनावों में निर्णायक मतदाता आज भी इसी जाति के लोग माने जाते हैं।
- पर नागौर जिले के शुभचिन्तक यह कहते संकोच नहीं करते कि बाबे (नाथूराम मिर्धा) को यह लगता था कि ‘ जै जिले का विकास हो गया तो लोगों के माथै का विकास भी हो जावेगा और ऐसा हो गया तो फिर मुझे पूछेगा कौन? '
- उनका कहना था कि प्रदेश में यह विचारणीय विषय है कि काफी बड़ी संख्या होते हुए भी राजस्थान में अब तक कोई जाट मुख्यमंत्री नहीं बना जबकि कुंभाराम आर्य, परसराम मदेरणा, नाथूराम मिर्धा, रामनिवास मिर्धा, दौलतराम सारण जैसे संघर्षशील और कर्मठ नेता इस समाज ने दिए।
- जिस तरह नाथूराम मिर्धा ने कांग्रेस की पीठ पर सवार होकर राजनीति शुरू की और फिर अपने क्षेत्र में पार्टी और संगठन को अपने गूंजै (पॉकेट) में रखा उससे भी दो कदम आगे देवीसिंह भाटी ने जनता पार्टी-जनतादल पर सवार होकर क्षेत्र की राजनीति शुरू की।
- नागौर की राजनीति मे आजादी के बाद वर्ष 1952 के पहले विधानसभा चुनाव मे जिले की मेडता से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडकर विधायक बनने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा एवं वर्ष 1962 मे नागौर से विधायक बनने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा का केन्द्र एवं राज्य की राजनीति मे लम्बा वर्चस्व रहा लेकिन श्री रामनिवास मिर्धा के पुत्र श्री हरेन्द्र मिर्धा के गत दो विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद कांग्रेस ने इस बार उन्हे टिकट नहीं दिया।
- प्रिय साथियों यह हमारा अहोभाग्य है कि हम उस समाज में पैदा हुए है जिसमें भगवान वीर तेजाजी, राना बाई, करमा बाई फूंला बाई, स्वामी केशवानन्द, सर छोटूराम, महाराजा सुरजमल, सेठ छाजूराम, बलदेव मिर्धा, एसपी ताराचन्द, चौधरी देवीलाल और बाबा नाथूराम मिर्धा जैसे अनेकों महान व्यक्तित्व हमारे पथ प्रदर्शक रहें है लेकिन अब हमारा कतॆव्य बनता है कि इन महान विभूतियों द्वारा बतायें मार्ग पर चलें और समाज को एक नई उंचाई प्रदान करें ।