नीतिशतक वाक्य
उच्चारण: [ nitishetk ]
उदाहरण वाक्य
- नीतिशतक | ऐकांतिक चिंतन-मनन के समय मन में आने वाले प्रायशः परस्पर असंबद्ध विचारों का लिपिबद्ध संग्रह है यह ।
- उनके बारे में संक्षेप में मैंने किसी अन्य ब्लॉग-प्रविष्टि में दो-चार शब्द लिखे हैं [...] नीति नीतिशतक लोकव्यवहार संस्कृत-साहित्य सूक्ति
- इनके शतकत्रय (नीतिशतक, शृंगारशतक, वैराग्यशतक) की उपदेशात्मक कहानियाँ भारतीय जनमानस को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं।
- इसमें श्रीमदादिशंकराचार्य के विवेकचूडामणि, भगवद्गीता, नीतिशतक, वैराग्यशतक एवं अन्य पुराणों के साथ गरुडपुराण के श्लोकों का भी संग्रह है।
- उसके बाद अंत भी महाराजा भर्तृहरि के नीतिशतक से ही किया व कहा कि राजस्थान को ऐसी सरकार दें जिसकी नीतियां अ ' छी हो।
- इस बात की पुष्टि भर्तहरि नीतिशतक में भी मिलती है-भूयो S पि सिक् त: पयसा घृतेन न निम् बवृक्षों मधुरत् वमेति।
- नीतिशतक में उन्होंने सत्संगति को सर्वश्रेष्ठï माना है जिसके प्रभाव से मनुष्य सहृदय, धर्मात्मा, ज्ञानी तथा सर्वगुण सम्पन्न हो जाता है।
- नीतिशतक के श्लोक संस्कृत विद्वानों में ही नहीं अपुति सभी भारतीय भाषाओं में समय-समय पर सूक्ति रुप में उद्धृत किये जाते रहे हैं।
- उसके बाद अंत भी महाराजा भर्तृहरि के नीतिशतक से ही किया व कहा कि राजस्थान को ऐसी सरकार दें जिसकी नीतियां अ\ ' छी हो।
- आधार और बड़े ग्रंथों की तो बात ही छोड़िए नीतिशतक जैसे या सरल भाषा में दोहावली जैसे किताबों में ऐसे वाक्य भरे पड़े हैं।