नेहरु-गाँधी परिवार वाक्य
उच्चारण: [ neheru-gaaanedhi perivaar ]
उदाहरण वाक्य
- इस मुद्दे पर अपने बयान में राहुल गाँधी ने कहा ; “ आज अगर नेहरु-गाँधी परिवार का कोई मेंबर देश का प्रधानमंत्री होता तो आईआईटी और आईआईएम का स्टैण्डर्ड नहीं गिरता. ”
- सत्ता का लगभग नौ साल से नेतृत्व कर रही इंडियन नेशनल कांग्रेस ने अपना नेतृत्व नेहरु-गाँधी परिवार के युवा और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी के पुत्र राहुल गाँधी को औपचारिक रूप से सौंप दिया.
- फ़िर भी आपको अन्दाज़ तो लग ही गया होगा कि “ गुड गवर्नेंस ” सिर्फ़ नेहरु-गाँधी परिवार ही दे सकता है, और मानवाधिकार कश्मीर-असम-केरल (और सभी कांग्रेसी राज्यों) में ही सुरक्षित हैं।
- कहने का आशय यह है कि कुछ एक समय तो नेहरु-गाँधी परिवार सत्ता से दूर जरुर हुआ पर सच तो यह है कि अधिकतर सत्ता इसी परिवार के हाथो या इनके इर्द गिर्द ही घूमती रही।
- चूंकि यह देश नेहरु-गाँधी परिवार की “बपौती” है और यहाँ के बुद्धिजीवी उनकी चाकरी करने में गर्व महसूस करते हैं इसलिये आने वाले समय में “गाँधी परिवार” के प्रिय व्यक्तियों के नाम पर ही जिलों के नाम रखे जायेंगे।
- श्री रमेश के बारे में अपनी राय देते हुए श्री सिद्धू इस मुद्दे पर अपने बयान में राहुल गाँधी ने कहा; “आज अगर नेहरु-गाँधी परिवार का कोई मेंबर देश का प्रधानमंत्री होता तो आईआईटी और आईआईएम का स्टैण्डर्ड नहीं गिरता. ”
- जिसकी तरफदारी में आज ये बोल रही हैं, वहाँ नाम ले-लेकर कई वरिष्ठ ब्लोगर्स को गालियाँ डी गईं, संविधान का मजाक उडाया गया, नेहरु-गाँधी परिवार के बारे में बेहद अश्लील टिप्पणियाँ की गईं, वह इन्हें कभी नहीं अखर.
- जहाँ तक त्याग और बलिदान का प्रश्न है तो गाँधी परिवार की दो पीढ़ियों ने बलिदान दिया है और जो कांग्रेसी नेता आज भी रात की नींद में देश के प्रधानमंत्री का सपना देखते हैं उनको एक चेतावनी भी थी कि नेहरु-गाँधी परिवार है तो वो हैं, वरना उनकी क्या बिसात और औकात है?
- मुझे सच में नहीं पता की नेहरु-गाँधी परिवार के सबसे छोटे चश्म-ओ-चिराग ने कुछ उल्टा-पुल्टा बोला था की नहीं (क्योंकि सी. डी. नहीं देखि) मगर ये तो सच है की आरोप लगे हैं, बाकी सच्चाई चुनाव बाद ही पता चलेगी क्योंकि अभी हाईकमान ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर की जंजीर टाइट कर रखी है.
- उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि फिरोजाबाद में राहुल गाँधी यह जानते हुए भी कि यहां से मुलायम सिंह की बहु उम्मीदवार है, चुनाव प्रचार के लिए क्यों आये? जबकि समाजवादी पार्टी ने नेहरु-गाँधी परिवार के प्रति अपना सम्मान जताते हुए सोनिया और राहुल गाँधी के खिलाफ रायबरेली और अमेठी में कोई उम्मीदवार खडा नहीं किया था.