न्यायसूत्र वाक्य
उच्चारण: [ neyaayesuter ]
उदाहरण वाक्य
- न्यायसूत्र की संरचना कब हुई, इसका निर्णय कर पाना बहुत कठिन है।
- न्यायसूत्र के अनुसार ' समानप्रसावात्मिकाजाति' अर्थात् जाति समान जन्मवाले लोगों को मिला कर बनती है।
- न्यायसूत्र के अनुसार ' समानप्रसावात्मिकाजाति' अर्थात् जाति समान जन्मवाले लोगों को मिला कर बनती है।
- ऋषि गौतम के ‘ न्यायसूत्र ' से ही न्यायशास्त्र का इतिहास स्पष्ट होता है.
- फलत: उपलब्ध न्यायसूत्र दो भिन्न समयों में भिन्न ऋषियों के द्वारा रचे गये हैं।
- आज न्यायसूत्र का जो रूप दिखाई देता है, उसका पूर्ण रूप दूसरी सदी में सम्पन्न हुआ।
- न्यायसूत्र कहता है कि ‘ तन्त्राधिकरणाभ्युपगमसंस्थिति: सिद्धान्त: ' 1 / 1 / 26 ।
- न्यायसूत्र के रचयिता का गोत्र नाम ' गौतम ' और व्यक्तिगत नाम ' अक्षपाद ' है।
- न्यायसूत्र के अनुसार ' समानप्रसावात्मिकाजाति ' अर्थात् जाति समान जन्मवाले लोगों को मिला कर बनती है।
- गौतम के न्यायसूत्र पर वात्स्यायन ने भाष्य लिखा, उस भाष्य पर उद्योतकर ने वार्तिक लिखा।