पंथी गीत वाक्य
उच्चारण: [ penthi gait ]
उदाहरण वाक्य
- छत्तीसगढ़ के प्रमुख और लोकप्रिय गीतों में से कुछ हैं: भोजली, पंडवानी, जस गीत, भरथरी लोकगाथा, बाँस गीत, गऊरा गऊरी गीत, सुआ गीत, देवार गीत, करमा, ददरिया, डण्डा, फाग, चनौनी, राउत गीत और पंथी गीत ।
- यह गीत छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती मंडलाही झूमर करमा धुन में है, जिसका भाव छत्तीसगढ़ के पारम्परिक कायाखंडी भजन (निर्गुण की भांति) अथवा पंथी गीत की तरह (देवदास बंजारे का प्रसिद्ध पंथी गीत-माटी के काया, माटी के चोला, कै दिन रहिबे, बता ना मो ला) है।
- गीत, छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती मंडलाही झूमर करमा धुन में है, जिसका भाव छत्तीसगढ़ के पारम्परिक कायाखंडी भजन (निर्गुण की भांति) अथवा पंथी गीत की तरह (देवदास बंजारे का प्रसिद्ध पंथी गीत-माटी के काया, माटी के चोला, कै दिन रहिबे, बता ना मो ला) है।
- अनुयायीयों द्वारा विकसीत यह लोक पंथी गीत ही एक अनोखी कला धारा है जो अविरल इस धरती पर बह कर यहां के जन जन को क्लेश एवं दुर्भावना से रहित समाज के नव निर्माण के लिये प्राण फूंकने कार्य करती है और इसी सत् मार्ग या सतनाम् के अनुयायी ही सतनामी है इसमें कोई जाति या धर्म नही बल्कि सत्य के आचरण को शिरोधार्य करने वाला वह हर मनुष्य सत्नामी है।
- कबड्डी खेलते हुए अपने टखने को गंभीर चोट पहुचा कर आहत देवदास को पंथी नृत् य की प्रेरणा अपने एक रिश् तेदार की शादी में नाचते पंथी दल को देख कर मिली तब से देवदास नें सोंच लिया कि जिस प्रकार उसके कसरती सधे शरीर नें कबड्डी को साधा था वैसे ही वह अपने धर्म गुरू धासीदास के संदेशों को जन जन तक पहुचाने में सक्षम पंथी गीत व नृत् य को साधेगा उस दिन से मांदर के थाप नें उसके तन मन को पंथी मय बना दिया।