पन्नालाल घोष वाक्य
उच्चारण: [ pennaalaal ghos ]
उदाहरण वाक्य
- महान बांसुरी वादक पन्नालाल घोष (पर्दे के पीछे से अनिल बिस्वास भी साथ में) के गीतों ने भारी धूम मचाई।
- भगवान कृष्ण इसे लोगों के बीच लाए और पंडित पन्नालाल घोष एवं पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने इसका शास्त्रीय संगीत में स्थान बनाया।
- पंडित पन्नालाल घोष की बाँसुरी के लिए उन्होंने कहा था कि ‘ उनकी बाँसुरी बजती ही नहीं थी, बल्कि गाती थी.
- पन्नालाल घोष का शुद्ध भैरवी में बाँसुरी वादन सुनवाया गया जिसके बाद संत ज्ञानेश्वर फिल्म का गीत सुनवाया-जोत से जोत जगाते चलो
- अमल ज्योति घोष के नाम से जाने जाने वाले पंडित पन्नालाल घोष का जन्म 31 जुलाई 1911 में पूर्वी बंगाल के बारीसाल में हुआ था।
- पन्नालाल घोष की बाँसुरी, बिस्मिलाह ख़ान की शहनाई, पलुस्कर और सुब्बलक्ष्मी के भजन और निखिल बनर्जी के सितार के रेकॉर्ड भी हम सुनते ।
- पन्नालाल घोष के शिष्य प्रसिद्ध बाँसुरी वादक पटना के पंडित प्रवीर घोष दस्तीकार एक ऐसे संगीतकार हैं, जिन्होंने 5000 से ज़्यादा गीतों की धुन तैयार की हैं।
- सन् 1945 की कुछ और प्रविष्टियों में ‘ भावनानी प्रोडक्शन्स ' की फ़िल्म ‘ बीसवीं सदी ' का ज़िक्र आना चाहिए जिसमें पन्नालाल घोष का संगीत था।
- योजना के मुताबिक शास्त्रीय संगीत की धुनों के लिए उस्ताद बिस्मिल्ला खान, टीएन राजरत्नम् पिल्लई और पंडित पन्नालाल घोष जैसे महान संगीतकारों का चयन किया गया है।
- इसके पहले 1938 में पन्नालाल घोष ने यूरोप का दौरा किया और वे उन आरंभिक शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे जिन्होंने विदेश में कार्यक्रम पेश किया।