परशुराम की प्रतीक्षा वाक्य
उच्चारण: [ pershuraam ki pertikesaa ]
उदाहरण वाक्य
- ' परशुराम की प्रतीक्षा ' के काल गुजरे तो ' शक्ति और क्षमा ' मैंने राम का देखा; दुर्योधन चला जब हरि को बाँधने तो विकराल रूप घनश्याम का देखा ।
- प्रमुख कृतियाँ रश्मीरथी, ऊर्वशी (ज्ञानपीठ से सम्मानित), हुंकार, संस्कृति के चार अध्याय, परशुराम की प्रतीक्षा, हाहाकार, चक्रव्यूह, आत्मजयी, वाजश्रवा के बहाने।
- देवदास रघुवीर सहाय कमलेश्वर परशुराम की प्रतीक्षा गोपाल सिंह नेपाली विष्णु प्रभाकर बच्चों की कहानियां हिन्दी व्याकरण गोदान अमृत राय निर्मला छायावाद अन्तोन चेख़व विचार मंथन असगर वज़ाहत बालकृष्ण शर्मा ' नवीन' दादी माँ की कहानियाँ
- नेहरू जी की नीतियों के प्रखर विरोधी के रूप में भी इन्हें जाना जाता है तथा कई मायनों में दिनकर गाँधी जी से भी अपनी असहमति जताते दिखे हैं, परशुराम की प्रतीक्षा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
- -परशुराम की प्रतीक्षा (श्री रामधारी सिंह 'दिनकर')-----------------------------..
- मैंने अपने घर के तराजू के एक पलड़े पर आपकी सारी कृतियाँ जैसे कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, उर्वशी, संस्कृत के चार अध्याय वगैरह-वगैरह रखा और दूसरे पर आपके द्वारा लिखी गई ये दो पंक्तियाँ.
- दिनकर का पौरुष और क्रांति का तेवर ‘ रेणुका '. हुँकार ', ‘ सामधेनी ', ‘ कुरुक्षेत्र ', ‘ रश् मिरथी ' से होते हुए ‘ परशुराम की प्रतीक्षा ' में नए रूप में सामने आता है।
- दिनकर की कृति ' रेणुका और हुंकार विकास की उèर्वगामी गतिशीलता है तो कुरूक्षेत्र चरम बिंदु है, उर्वशी चरम बिंदु की ढलान है, परशुराम की प्रतीक्षा आतंक और आक्रोश का उदवेग है और हारे को हरिनाम पश्चाताप और समर्पण की अभिव्यकित है।
- एक दिन मैंने पूछा-' ' आप इतनी सारी कलमें क्यों रखते हैं? '' वह अपनी कलमों से मेरा परिचय करवाने लगे-'' देखो, इस कलम से मैंने ' उर्वशी ' लिखी थी और इससे ' परशुराम की प्रतीक्षा ' । इससे.... । '' अपनी कलमों से उनका प्रेम अद्भुत था।
- ‘ रेणुका ', ‘ हुंकार ', ‘ रसवंती ' से ‘ कुरुक्षेत्र ', ” सामधेनी ', ” इतिहास के आँसू ' होते हुए ‘ धूप और धुँआ ', ‘ रश्मिरथी ', ‘ नीम के पत्ते ', ‘ नील कुसुम ' और फिर ‘ नये सुभाषित ', ‘ उर्वशी ' और ‘ परशुराम की प्रतीक्षा ' तक-सभी काव्य-कृतियों में किसी-न-किसी रूप में स्वाधीनता की पुकार सुनायी देती है।