पशुपूजा वाक्य
उच्चारण: [ peshupujaa ]
उदाहरण वाक्य
- पशुपूजा के कुछ संप्रदाय इस विश्वास के कारण भी चल पड़े कि मनुष्य के पितर मृत्युपरांत पशुयोनि में जन्म ग्रहण करते हैं।
- इसी प्रकार बलिपशु की हड्डी के प्रति आदर भावना या जीवित पशुविशेष का आदरसूचक नामकरण पशुपूजा से भिन्न दृष्टिकोण के परिणाम हैं।
- स्वार्थमूलक उपयोगितावादी दृष्टिकोण के अनुसार पशुपूजा के आचार विशुद्ध स्वार्थभाव से किए जाते हैं ताकि बलिपशु के मांस रूप में भोजन सामग्री सुलभ हो सके।
- स्वार्थमूलक उपयोगितावादी दृष्टिकोण के अनुसार पशुपूजा के आचार विशुद्ध स्वार्थभाव से किए जाते हैं ताकि बलिपशु के मांस रूप में भोजन सामग्री सुलभ हो सके।
- किंतु एक तो आदिम पशुपूजा के कृत्यों और आचारों के पीछे निहित भावना को ठीक-ठीक जानने का साधन उपलब्ध नहीं है, दूसरे, आधुनिक मानव की मन: स्थिति तबसे नितांत भिन्न है।
- किंतु एक तो आदिम पशुपूजा के कृत्यों और आचारों के पीछे निहित भावना को ठीक-ठीक जानने का साधन उपलब्ध नहीं है, दूसरे, आधुनिक मानव की मन: स्थिति तबसे नितांत भिन्न है।
- पशुपूजा के कुछ संप्रदाय इस विश्वास के आधार पर विकसित हुए कि कुछ पशुओं का अविच्छिन्न संबंध दिव्य शक्तियों या देवताओं से है और संबंधित देवता को पशुविशेष की पूजा द्वारा प्रसन्न किया जा सकता है।
- पशुपूजा के कुछ संप्रदाय इस विश्वास के आधार पर विकसित हुए कि कुछ पशुओं का अविच्छिन्न संबंध दिव्य शक्तियों या देवताओं से है और संबंधित देवता को पशुविशेष की पूजा द्वारा प्रसन्न किया जा सकता है।
- अत: आधुनिक पशुपूजा की भावनाओं तथा कोटियों के आधार पर आदिम पशुपूजा के मूल कारण के प्रति संभावित दृष्टिकोण ही उपस्थित किए जा सकते हैं जो (1) उपयोगितावादी एवं (2) दैवी अथवा अभौतिक हो सकते हैं।
- अत: आधुनिक पशुपूजा की भावनाओं तथा कोटियों के आधार पर आदिम पशुपूजा के मूल कारण के प्रति संभावित दृष्टिकोण ही उपस्थित किए जा सकते हैं जो (1) उपयोगितावादी एवं (2) दैवी अथवा अभौतिक हो सकते हैं।