पातगोभी वाक्य
उच्चारण: [ paategaobhi ]
उदाहरण वाक्य
- पातगोभी रबी मौसम की एक महत्वपूर्ण सब्जी है जिसका उत्पादन लगभग सभी जगह किया जाता हैI इसका प्रयोग बिभिन्न सब्जियो एवं व्यंजनो में किया जाता हैI इसको बंधा एवं बंदगोभी भी कहते हैI इसमे विटामिन ए, बी, सी तथा ई.
- किसान भाइयो पातगोभी की खेती लगभग हर मौसम में की जाती है प्रायः अप्रैल तक व्यवसायिक खेती की जाती हैI पातगोभी रेतीली से भारी तक लगभग सभी प्रकार की भूमि में उत्पादित की जा सकती हैI भूमि का पी. एच. मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिएI
- किसान भाइयो पातगोभी की खेती लगभग हर मौसम में की जाती है प्रायः अप्रैल तक व्यवसायिक खेती की जाती हैI पातगोभी रेतीली से भारी तक लगभग सभी प्रकार की भूमि में उत्पादित की जा सकती हैI भूमि का पी. एच. मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिएI
- पातगोभी की फसल में सिंचाई कब करनी चाहिए और कैसे करनी चाहिए? पहली सिंचाई पौध रोपण के तुरंत बाद हल्की करने चाहिए फसल को अच्छी तरह विकसित करने के लिए भूमि में सदैव नमी बनी रहनी चाहिएI जाड़ो में 10 से 12 दिन एवं गर्म मौसम में एक सप्ताह बाद सिंचाई करना चाहिएI
- एक हेक्टेयर क्षेत्रफल की रोपाई के लिए पातगोभी की पौध तैयार करने हेतु 10 से 15 सेंटीमीटर ऊंची 2. 5 मीटर लम्बी तथा 1 मीटर चौड़ी 10 से 12 क्यारियो की आवश्यकता पड़ती हैI क्यारियो के ऊपर बीज की बुवाई करके सड़ी गोबर की खाद से बीज को ढक देना चाहिए इसके बाद हजारे आदि से हल्का पानी लगाना चाहिएI
- पातगोभी की पौध रोपाई किस प्रकार करनी चाहिए? पातगोभी की रोपाई मौसम एवं प्रजातियों के अनुसार की जाती हैI अगेती प्रजातियों की रोपाई पौधे से पौधे एवं पंक्ति से पंक्ति दोनों की ही दूरी 45 सेंटीमीटर रखी जाती हैI पिछेती प्रजातियों की रोपाई पौधे से पौधे एवं पंक्ति से पंक्ति दोनों की ही दूरी 60 सेंटीमीटर रखी जाती हैI
- पातगोभी की पौध रोपाई किस प्रकार करनी चाहिए? पातगोभी की रोपाई मौसम एवं प्रजातियों के अनुसार की जाती हैI अगेती प्रजातियों की रोपाई पौधे से पौधे एवं पंक्ति से पंक्ति दोनों की ही दूरी 45 सेंटीमीटर रखी जाती हैI पिछेती प्रजातियों की रोपाई पौधे से पौधे एवं पंक्ति से पंक्ति दोनों की ही दूरी 60 सेंटीमीटर रखी जाती हैI
- पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है इसके साथ-साथ इसमे लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं सोडियम लवण भी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैI पातगोभी में विशिष्ट स्वाद सिमीग्रीन नामक ग्लुकोसाइट की उपस्थित के कारण होता है इसकी खेती उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब उतार प्रदेश के अधिक भागो में की जाती हैI
- पातगोभी के लिए खेतो की तैयारी हम किस प्रकार से करे? खेत की पहली जुटाई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए इसके बाद तीन चार जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से जुताई करके एवं पाटा लगाकर खेत को समतल एवं भुरभुरा बना लेना चाहिएI पानी के निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए जिससे ज्यादा पानी लग जाने पर निकाला जा सकेI
- पातगोभी की फसल में कौन-कौन से कीट लगते है और उनकी रोकथाम हैम किस प्रकार करे? पातगोभी की फसल में मुख्य रूप से मांहू एफिड्स लगते है इसके नियंत्रण के लिए रसायनो का प्रयोग करे जैसे की डायमिथोएट 30 ई.स ी. या मिथायल आक्सीडेमेटान 25 ई.स ी. की एक लीटर मात्रा पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिएI