पुष्कलावती वाक्य
उच्चारण: [ puseklaaveti ]
उदाहरण वाक्य
- यह सड़क राजगृह, काशी, प्रयाग, साकेत, कौशाम्बी, कन्नौज, मथुरा, हस्तिनापुर, शाकल, तक्षशिला और पुष्कलावती होती हुई पेशावर जाती थी।
- प्राचीन भारत का उत्तर-पश्चिमी भाग, गांधार के प्रमुख नगर पुष्कलावती से पाटलीपुत्र, वैशाली, ताम्रलिप्ति, श्रावस्ती, कौशाम्बी आदि मथुरा मार्ग से ही जुड़े थे।
- गंधर्व देश सिंधु नदी के दोनों किनारे स्थित था [1] और उसके दानों ओर भरत के तक्ष और पुष्कल नामक दोनों पुत्रों ने तक्षशिला और पुष्कलावती नामक अपनी-अपनी राजधानियाँ बसाई।
- पूर्व की ओर कुल्लू काँगड़ाँ जिसे उस समय त्रिगर्त कहते थे, पश्चिमी ओर का पहाड़ी प्रदेश वह था जो गांधार की पूर्वी राजधानी तक्षशिला से पश्चिमी राजधानी पुष्कलावती तक फैला था।
- पूर्व की ओर कुल्लू काँगड़ाँ जिसे उस समय त्रिगर्त कहते थे, पश्चिमी ओर का पहाड़ी प्रदेश वह था जो गांधार की पूर्वी राजधानी तक्षशिला से पश्चिमी राजधानी पुष्कलावती तक फैला था।
- पूर्व की ओर कुल्लू काँगड़ाँ जिसे उस समय त्रिगर्त कहते थे, पश्चिमी ओर का पहाड़ी प्रदेश वह था जो गांधार की पूर्वी राजधानी तक्षशिला से पश्चिमी राजधानी पुष्कलावती तक फैला था।
- निकाई नगर में अपनी सेना को दो भागों में बॉटकर एक दल हेकेस्टियन और पार्डिक्स के नेतृत्व में पुष्कलावती के अष्ठक को हराते हुए खैबरदेई के रास्ते सिन्धु नदी के तट पर पहुंचा।
- देवराज: आपका अनुमान सत्य है, श्री सीमंधर स्वामी पूर्व महाविदेह क्षेत्र की पुष्कलावती विजय के पुण्डरीकिणी नगरी में विराजमान हैं जबकि जिन भावी तीर्थंकर की यहां चर्चा चल रही है वे भरत क्षैत्र के आर्य खण्ड के क्षत्रिय कुण्ड में उत्पन्न होने वाले हंै।
- ऐतिहासिक रूप से यह तीन महान मार्गों के संगम पर स्थित था-(१) उत्तरापथ-वर्तमान ग्रैण्ड ट्रंक रोड, जो गंधार को मगध से जोड़ता था, (२) उत्तरपश्चिमी मार्ग-जो कापिश और पुष्कलावती आदि से होकर जाता था, (३) सिन्धु नदी मार्ग-श्रीनगर, मानसेरा, हरिपुर घाटी से होते हुए उत्तर में रेशम मार्ग और दक्षिण में हिन्द महासागर तक जाता था।
- मैं सेकुलरी भाषा का प्रयोग करते हुए आपको याद दिलाना चाहूँगा कि “ उत्तर प्रदेश के अयोध्या से राजा राम ने समस्त भारत का शासन किया था ” एवं उनके अनुज ” भरत ने अपने पुत्रों तक्ष एवं पुश्क को वर्तमान अफगानिस्तान भेज दो नगरों के निर्माण का आदेश दिया था जिनका नाम पुत्रों के नाम पर तक्षशिला एवं पुष्कलावती रखा गया ।