प्रमाणशास्त्र वाक्य
उच्चारण: [ permaaneshaasetr ]
उदाहरण वाक्य
- परीक्षित प्रमाणों के आधार पर ही प्रमेय का यहाँ प्रतिपादन किया जाता है, अत: इसे ' प्रमाणशास्त्र ' भी कहते हैं।
- आचार्य दिङ्नाग ने जब ' प्रमाणसमुच्चय ' लिखकर बौद्ध प्रमाणशास्त्र का बीज वपन किया तो अन्य बौद्धेतर दार्शनिकों में उसकी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक था।
- इसके बाद आचार्य वसुबन्धु के समीप रहकर उन्होंने समस्त श्रावक और महायान पिटक, सम्पूर्ण बौद्ध शास्त्र और विशेषत: प्रमाणशास्त्र का गम्भीर अध्ययन किया।
- भारतीय दर्शन में, जैसा ऊपर कहा गया, जिस चीज का विकास हुआ, वह प्रमाणशास्त्र है ; तथाकथित तर्कशास्त्र उसका एक भाग मात्र है।
- दिङ्नाग के बाद आचार्य धर्मकीर्ति ने दिङ्नाग के ग्रन्थों में छिपे हुए गूढ़ तथ्यों का प्रकाशन करते हुए सात ग्रन्थों (सप्त प्रमाणशास्त्र) की रचना की।
- व्याकरण के लिए “ पदशास्त्र ”, वैशेषिक न्याय के लिए “ प्रमाणशास्त्र ” और मीमांसा के लिए “ वाक्यशास्त्र ” का प्रयोग संस्कृत साहित्य में होता है।
- उन्होंने दिङ्नाग के शिष्य ईश्वरसेन की भी, जिन्होंने दिङ्नाग के मन्तव्यों की अपनी समझ के अनुसार व्याख्या की थी, उनकी भी समालोचना कर बौद्ध प्रमाणशास्त्र को परिपुष्ट किया।
- इस प्रकार हम देखते हैं कि दिङ्नाग के द्वारा जो बौद्ध प्रमाणशास्त्र का बीजवपन किया गया, वह धर्मकीर्ति और उनके अनुयायियों के प्रयासों से विशाल वटवृक्ष के रूप मं परिणत हो गया।
- यह सही है कि प्रमाणशास्त्र और न्यायप्रक्रिया के विकास में आचार्य धर्मकीर्ति के विशिष्ट मत और मौलिक उद्भावनाएं रही हैं, किन्तु सभी पारवर्ती आचार्य और विद्वान् उन्हें दिङ्नाग के व्याख्याकार ही मानते हैं।
- ऐसे विद्वानों में आचार्य धर्मकीर्ति प्रमुख हैं, जिन्होंने दिङ्नाग के दार्शनिक मन्तव्यों का सुविशद विवेचन किया तथा उद्योतकर, कुमारिल आदि दार्शनिकों की जमकर समालोचना करके बौद्ध प्रमाणशास्त्र की भूमिका को सुदृढ़ बनाया।