प्रिय प्रवास वाक्य
उच्चारण: [ periy pervaas ]
उदाहरण वाक्य
- जिसने हिन्दी साहित्य में स्त्री विमर्श को साकेत, यशोधरा, वैदेही वनवास, प्रिय प्रवास, उर्मिला के माध्यम से काव्य की धारा ही बदल दी।
- प्रश्न-हिंदी का आखिरी प्रबंध काव्य कौन (अ) कामायनी (ब) प्रिय प्रवास (स) राम की शक्ति पूजा (य) अन्य।
- नारी जागरण संबंधी आंदोलनों की सीधी प्रतिध्वनि ‘ प्रिय प्रवास ', ‘ मिलन ', ‘ यशोधरा ', ‘ साकेत ' जैसे काव्यों में सुनाई दी।
- खड़ी बोली हिन् दी के प्रथम महाकाव् य ' प्रिय प्रवास ' के रचयिता कवि-सम्राट अयोध् या सिंह उपाध् याय ' हरिऔध ' ने भी यहीं शिक्षा पायी।
- आज भी हरिऔध जी का काव्य ग्रंथ ' प्रिय प्रवास ' तथा ' वैदेही वनवास ' हिंदी खड़ी भाषा के मील के पत्थर के रुप में स्वीकार किये जाते हैं।
- सम्मेलन की विशारद की परीक्षा में ब्रजभाषा के अनेक उत्कृष्ट काव्य पढ़ने को मिले और खड़ी बोली के जयद्रथ वध, भारत भारती, प्रिय प्रवास आदि रचनाएं भी देखने और पढ़ने को मिली।
- प्रिय प्रवास “ से ले कर ” लोकायतन ” तक इन महाकाव्यों को नज़दीक से देखने पर हम पायेंगे कि उनके पीछे द्विज दृष्टि ही है, भले ही उसे आधुनिकता का आवरण पहना दिया गया हो.
- मुझे ‘ हरिऔध ' के ‘ प्रिय प्रवास ' की शुरूआत याद हो आई थी-‘ दिवस का अवसान समीप था, गगन था कुछ लोहित हो चला / तरु शिखा पर थी अब राजतीं, कमलिनी कुलवल्लभ की प्रभा..
- एक तरफ सूर राधा के श्रीकृष्ण वियोग के बारे मे मारी मारी फिर रही है तो दूसरी ओर आयोध्यासिंह उपाघ्याय के प्रिय प्रवास मे लोकहित में सतत संलग् श्री कृष्ण की भांति राधा को भी परोपकार, लोकसेवा, विश्व प्रेम आदि से परिपूर्ण चित्रित किया है।
- एक तरफ सूर राधा के श्रीकृष् ण वियोग के बारे मे मारी मारी फिर रही है तो दूसरी ओर आयोध् यासिंह उपाघ् याय के प्रिय प्रवास मे लोकहित में सतत संलग् श्री कृष्ण की भांति राधा को भी परोपकार, लोकसेवा, विश्व प्रेम आदि से परिपूर्ण चित्रित किया है।