प्रेमघन वाक्य
उच्चारण: [ peremeghen ]
उदाहरण वाक्य
- बदरी नारायण प्रेमघन, पं. अम्बिका दत्त व्यास आदि ने अपनी पत्र पत्रिकाओं में विज्ञान एवं विज्ञान सम्मत तथ्यों को स्थान दिया।
- नए नए दुख परे सीस भारत पर गाढ़े ' प्रेमघन ' जी की कई बहुत ही प्रांजल और सरल कविताएँ उनके दोनों नाटकों में हैं।
- हम उनके लेखन में तात्कालिक देश की हालत के भी दर्शन कर सकते हैं इसका प्रमाण है कवि बद्रीनारायण “ प्रेमघन ” की ये पंक्तियाँ...
- उपाधयाय बदरीनारायण चौधारी ' प्रेमघन ' के लेखों में गद्य काव्य के पुराने ढंग की झलक, रंगीन इमारत की चमक दमक बहुत कुछ मिलती है।
- प्रेमघन कृतियों का संकलन उनके पौत्र दिनेशनारायण उपाध्याय ने किया है जिसका “प्रेमघन सर्वस्व” नाम से हिंदी साहित्य सम्मेलन ने दो भागों में प्रकाशन किया है।
- बालकृष्ण भट्ट यदि आधुनिक हिंदी आलोचना के प्रथम पुरुष हैं तो शुद्धतावादी व्याकरणविद आलोचक सवाल उठा सकते हैं कि प्रेमघन मध्यम पुरुष हुए तथा भारतेंदु उत्तम पुरुष।
- भारतेन्दु की ‘ भारत दुर्दशा ' प्रेमघन की आनन्द अरूणोदय, देश दशा, राधाकृष्ण दास की भारत बारहमासा के साथ राजनीतिक चेतना की धार तेज हुई।
- भारतेंदु युग में बालकृष्ण भट्ट और चौधरी बद्रीनारायण प्रेमघन ने उसका सूत्रपात किया था लेकिन सप्रे जी के प्रयत्नों से वह विकसित हुई और उसमें व्यापकता आई.
- धीरे धीरे यह मैत्री इतनी प्रगाढ़ हुई कि भारतेंदु जी के रंग में प्रेमघन जी पूर्णतया पग गए, यहाँ तक कि रचनाशक्ति, जीवनपद्धति और वेशभूषा से भी भारतेंदु जीवन अपना लिया।
- भारतेंदु की हरिश्चंद्र मैगजीन, बालकृष्ण भट्ट की हिंदी प्रदीप, प्रतापनारायण मिश्र की ब्राह्मण और बदरीनारायण चैधरी प्रेमघन की आनंद कादंबिनी का आरंभिक हिंदी आलोचना के निर्माण एवं विकास में ऐतिहासिक महत्व है।