बलदेव उपाध्याय वाक्य
उच्चारण: [ beldev upaadheyaay ]
उदाहरण वाक्य
- पं० बलदेव उपाध्याय ने उचित ही कहा है-“अलंकृत महाकाव्य की यह आदर्श कल्पना महाकवि माघ का संस्कृतसाहित्य को अविस्मरणीय योगदान है, जिसका अनुसरण तथा परिबृहंण कर हमारा काव्य कर हमारा काव्य साहित्य समृद्ध, सम्पन्न तथा सुसंस्कृत हुआ है।”
- पं० बलदेव उपाध्याय ने उचित ही कहा है-“अलंकृत महाकाव्य की यह आदर्श कल्पना महाकवि माघ का संस्कृतसाहित्य को अविस्मरणीय योगदान है, जिसका अनुसरण तथा परिबृहंण कर हमारा काव्य कर हमारा काव्य साहित्य समृद्ध, सम्पन्न तथा सुसंस्कृत हुआ है।”
- पखावजवादकों में विष्णुदेव पाठक, चन्द्र कुमार मल्लिक, रामाशीष पाठक (दरभंगा घराना) तथा वासुदेव उपाध्याय, बलदेव उपाध्याय, रामजी उपाध्याय और पन्नालाल उपाध्याय (गया घराना) ऐसे पखावजी हुए जिनका लोहा पूरे देश के संगीतकारों ने माना।
- पद्मभूषण बलदेव उपाध्याय ने प्राकृतविद्या में लिखा है-जैनधर्म के लिए यह गौरव की बात है कि इन्ही प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के ज्येष्ठ पुत्र “ भरत ' के नाम से देश का नामकरण “ भारतवर्ष ” इन्हीं की प्रसिद्धि के कारण विख्यात हुआ।
- पं ० बलदेव उपाध्याय ने उचित ही कहा है-” अलंकृत महाकाव्य की यह आदर्श कल्पना महाकवि माघ का संस्कृतसाहित्य को अविस्मरणीय योगदान है, जिसका अनुसरण तथा परिबृहंण कर हमारा काव्य कर हमारा काव्य साहित्य समृद्ध, सम्पन्न तथा सुसंस्कृत हुआ है।
- इस नगर में महान भारतीय लेखक एवं विचारक हुए हैं, कबीर, रविदास, तुलसीदास जिन्होंने यहां रामचरितमानस लिखी, कुल्लुका भट्ट जिन्होंने १५वीं शताब्दी में मनुस्मृति पर सर्वश्रेष्ठ ज्ञात टीका यहां लिखी[85] एवं भारतेन्दु हरिशचंद्र, और आधुनिक काल के जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, मुंशी प्रेमचंद, जगन्नाथ प्रसाद रत्नाकर, देवकी नंदन खत्री, हजारी प्रसाद द्विवेदी, तेग अली, क्षेत्रेश चंद्र चट्टोपाध्याय, वागीश शास्त्री, बलदेव उपाध्याय, सुमन पांडेय (धूमिल) एवं विद्या निवास मिश्र और अन्य बहुत।