बाण भट्ट वाक्य
उच्चारण: [ baan bhett ]
उदाहरण वाक्य
- शासन से अनुमोदन प्राप्त होने पर संस्कृत संस्थान ने वर्ष 2008 के विश्वभारती, महर्षि बाल्मीकि, महर्षि व्यास, महर्षि नारद, विशिष्ट, कालिदास, बाण भट्ट, शंकर, सायण, पाणिनी, वेद पंडित आदि पुरस्कारों की घोषणा की गई है।
- अब आप ही सोचें, यदि हम पढ़े लिखे नहीं होते तों इतनी गूढ़ एवं रहस्यमय बात कैसे जान पाते? यही कारण है कि सूर, तुलसी, कबीर, जायसी, रसखान, कालिदास, बाण भट्ट, आदि बिना किसी विश्व विद्यालयीय शिक्षा के भी प्रसिद्धि के गगन में छा गये.
- आदरणीय बाण भट्ट जी! आज मैंने वीरेंद्र कुमार जी के ब्लॉग में कबीर को पढ़ा और आपके लेख के अंत में गुलज़ार की लिखी प्रार्थना के दो पक्तियां भी पढ़ी, “ हर ज़र्रा चमकता है अनवार-ए-इलाही से हर सांस ये कहती है हम हैं तो ख़ुदा भी है ” इसके अंतिम पंक्ति सच के ज्यादा नजदीक नहीं है?
- उज्जयिनी गुरु सांदिपनी, धन्वंतरि, महर्षि अत्रि, महाकात्यायन, चार्वाक, शूद्रक, परमार्थ, मत्स्येंद्रनाथ, भतृहरि, विक्रमादित्य, वराह मिहिर, वेताल भट्ट, वररुचि, घटखर्पर, कालिदास, भट्ट भास्कर, भास, जैनाचार्य महासेन, सुबंधु, गुणाढ्य, आचार्य भद्रबाहु, भोजराज, उबट, स्वामी जदरूप, आर्यसूर, आचार्य दंडी, बाण भट्ट आदि, आदि, आदि कालजयी विभूतियों से निरंतर दीप्तिमान रही है ।
- सम्राट हर्षवर्धन (६०६-४७) के राज कवि बाण भट्ट ने अपने प्रशास्तिपरक ग्रन्थ हर्षचरित में श्रुत वर्मा नामक रजा का उल्लेख किया हैं जो श्रावस्ती पर शासन करता था.डंडी के दश कुमार चरित में भी श्रावस्ती का वर्णन मिलता है.श्रावस्ती को इस बात का श्रेय जाता है कि यहाँ से आरंभिक कुषाण काल में बोधिसत्व की मूर्तियों के प्रमाण मिलते हैं.लगता है कि कुषाण काल के पश्चात् इस महत्त्वपूर्ण नगर का पतन होने लगा था.राम शरण शर्मा जैसे इतिहासकारों से ने इसे गुप्तकाल में नगरों के पतन और सामंतवाद के उदय से जोड़कर देखा है.