बिन बादल बरसात वाक्य
उच्चारण: [ bin baadel bersaat ]
उदाहरण वाक्य
- कब दिन बीता कब रात गयी कब बिन बादल बरसात हुई! कब बिना कराहे, दिल रोया, कब सोये-सोये, घात हुई! जब घेर दुश्मनों ने मारा था, राजतिलक के मौके पर!
- ज़ुल्फ में छुपकर रोयेंगे हम सावन देखे बिन बादल बरसात तुम्हारी ज़ुल्फ़ों में तुम ही कहो ना, कैसे लिपटी रात तुम्हारी ज़ुल्फ़ों में ॥ तुम ही कहो ना, कैसे लिपटी रात तुम्हारी ज़ुल्फ़ों में...... आज कोई लाश ज़िंदा रह न जाए....
- काल का संयोग इकट्ठा हुआ, परंतु बादलों का संयोग नहीं मिला हो, तो बिन बादल बरसात कैसे होगी? परंतु बादल जमा हुए, काल आ मिला, फिर बिजलियाँ कड़कीं, अन्य एविडन्स इकट्ठे हुए, तो बरसात होगी ही।
- आँखें इतनी नशीली जैसे अभी नशा किया हो और उनमें काजल, अगर कोई कवि उसकी आँखों पर कविता लिखे तो उसकी कलम भी नशे में भर जाए, होंट इतने गुलावी जैसे सन्तरे की फांकें, चूचियाँ लगभग 36 और एकदम खड़ी, कमर शायद 28 से भी कम, कूल्हे 34 और उस पड़े उसके बाल जैसे बिन बादल बरसात होने बाली हो।
- स्नेही,,रंग रंगीले कमली बाबा जी,, होली के इतने दिनों बाद होली खेलना तो भाई आप से ही सीखे,,जैसे बिन बादल बरसात,,या बिन फेरे हम तेरे,, कुछ इसी तरह भईया आप भी होली के बाद पिचकारी भर रहे हो,,कभी कभी मुझे भी आपकी इस रंगीनियत पर हंसी आ जाती है,,लेकिन भाई अपनी होली के थोड़ा सा ही अनुभव तो बाँट देते आप मंच पर रंगीन मिजाज जी:),,,,,,,,,,जय भारत
- आशा पारिख की प्रमुख हिन्दी फिल्मों में दिल देके देखो, जब प्यार किसी से होता है, दो बदन, बिन बादल बरसात, जिद्दी, लव इन टोकियो, मेरे सनम, बहारों के सपने, उपकार, आए दिन बहार के, आन मिलो सजना, आया सावन झूम के, कटी पतंग, मेरा गांव मेरा देश, समाधि, बिन फेरे हम तेरे और मैं तुलसी तेरे आंगन की आदि के नाम शामिल हैं।
- काश कुछ अलग होता दिन में रात और रात में दिन होता या कि रात गुलाबी और सांझ हरी तोता सुनहरा होता या कव्वा गोरा बेरंग इन्द्रधनुष रंगों से भरा आसमां होता बिन बादल बरसात या जमीं पर बादलों का घर होता कुछ ऐसा होता कि सब गड़बड़ होता या वो ही सही होता या अलग देखने का ढंग या अलग दृष्टि कोण या सोच में विस्तार सब गडमड सब गड़बड़ होता और वही सच होता काश कुछ अलग होता.