बृज भाषा वाक्य
उच्चारण: [ berij bhaasaa ]
उदाहरण वाक्य
- बाद में इसी तरह अन्य अकादमियाँ बनाईं गईं जैसे उर्दू अकादमी, बृज भाषा अकादमी और नवीनतम पंजाबी अकादमी।
- भक्त साहित्य में अवधी में गोस्वामी तुलसीदास, बृज भाषा में सूरदास, मारवाड़ी में मीरा बाई, खड़ीबोली में (?)
- बृज भाषा । भोजपुरी । नेपाली एवं कुछ हद तक कोंकणी और मराठी भी॥ कोंकणी और मराठी पश्चिम भारत मे बोली जाती है॥ कुछ पंजाबी मुख्यतः हिंदू ।
- “ गावन में तो ऐसा ही है बुलबुल, तुम शहर में रही हो ना, तोय कछु सल् ना है.... ” दीदी बृज भाषा में कहती हैं |
- साहित्यिक इतिहास के कालखण् डो में अवधी और बृज भाषा नें हिन् दी साहित् य को समृद्ध किया है किन् तु आज ये लोक भाषाये किंचित उपेक्षित सी हो गई हैं।
- यद्यपि इसके पूर्व के अनेक बुन्देली काव्य ग्रन्थ बृज भाषा काव्यों की कोटि में माने जाते रहे हैं तथापि यह अपने आपमें एक ऐसा गौरव ग्रन्थ है जिसमें विशुद्ध बुन्देली का अपनाया गया है।
- इसी के साथ कार्यक्रम के अध्यक्ष बृज भाषा अकादमी के पूर्व सचिव श्रीमान नाथूलाल महावर ने कार्यक्रम को अपनी आशु कविता के माध्यम से सार के रूप में प्रस्तुत किया और वातावरण को आनन्दमय बनादिया।
- इनमें से कुछ में हिंदी के महान कवियों ने रचना की जैसे तुलसी ने रामचरित मानस को अवधी में लिखा और सूर ने अपनी रचनाओं के लिए बृज भाषा को चुना, विद्यापति ने मैथिली में और मीराबाई ने राजस्थानी ।
- इनमें से कुछ में हिंदी के महान कवियों ने रचना की जैसे तुलसी ने रामचरित मानस को अवधी में लिखा और सूर ने अपनी रचनाओं के लिए बृज भाषा को चुना, विद्यापति ने मैथिली में और मीराबाई ने राजस्थानी ।
- इनमें से कुछ में हिंदी के महान कवियों ने रचना की जैसे तुलसी ने रामचरित मानस को अवधी में लिखा और सूर ने अपनी रचनाओं के लिए बृज भाषा को चुना, विद्यापति ने मैथिली में और मीराबाई ने राजस्थानी ।