ब्रजभाषा साहित्य वाक्य
उच्चारण: [ berjebhaasaa saahitey ]
उदाहरण वाक्य
- ब्रजभाषा साहित्य के द्वितीय चरण की यह विशेषता है कि उसमें विभिन्न प्रकार के सम्प्रेषणों, विभिन्न प्रकार की शैली प्रयुक्तियों का आविष्कार और विकास किया गया है।
- उसके मार्ग दर्शन के लिए एक ऐसा कोश होना चाहिए, जो ब्रजभाषा साहित्य के अध्ययन-अध्यापन, ठीक रूप से कहें हिन्दी साहित्य के समूचे अध्ययन-अध्यापन को एक आवश्यक अवलम्ब दे सके।
- जिससे पता चलता है कि साहित्यिक ब्रजभाषा के विकास का रंग इनमें गहरा है और इन्हें रचनाकाल और भाषा-विकास की दृष्टि से ब्रजभाषा साहित्य के दूसरे चरण में रखना उचित होगा।
- जिससे पता चलता है कि साहित्यिक ब्रजभाषा के विकास का रंग इनमें गहरा है और इन्हें रचनाकाल और भाषा-विकास की दृष्टि से ब्रजभाषा साहित्य के दूसरे चरण में रखना उचित होगा।
- उसके मार्ग दर्शन के लिए एक ऐसा कोश होना चाहिए, जो ब्रजभाषा साहित्य के अध्ययन-अध्यापन, ठीक रूप से कहें हिन्दी साहित्य के समूचे अध्ययन-अध्यापन को एक आवश्यक अवलम्ब दे सके।
- साहित्यिक ब्रजभाषा के ऐतिहासिक स्वरूप को समझने के लिए आवश्यक है कि, ब्रजभाषा साहित्य का सर्वेक्षण इस रूप में कराया जाए कि इस साहित्य की प्रकृति सार्वदेशिक सार्वभौमिक एकात्मता लाने वाली रही है।
- साहित्यिक ब्रजभाषा के ऐतिहासिक स्वरूप को समझने के लिए आवश्यक है कि, ब्रजभाषा साहित्य का सर्वेक्षण इस रूप में कराया जाए कि इस साहित्य की प्रकृति सार्वदेशिक सार्वभौमिक एकात्मता लाने वाली रही है।
- इसलिए बिम्ब अधिकतर कुछ एक अपवादों को छोड़कर सामान्य जीवन के ही ब्रजभाषा साहित्य में मिलते हैं और इसीलिए ब्रजभाषा काव्य में तरह-तरह के ठेठ मुहावरे मिलते हैं, जो उस काव्य के सौन्दर्य को विशेष दीप्ति प्रदान करते हैं।
- समारोह में संस्था के निर्देशक संजय अग्रवाल ने मोहन स्वरूप भाटिया के सम्बन्ध में प्रशस्ति वाचन करते हुए बताया कि वह पिछले 50 वर्षो से अधिक से ब्रजभाषा साहित्य और ब्रज की लोक संस्कृति के उन्नयन में सेवारत हैं।
- इसलिए बिम्ब अधिकतर कुछ एक अपवादों को छोड़कर सामान्य जीवन के ही ब्रजभाषा साहित्य में मिलते हैं और इसीलिए ब्रजभाषा काव्य में तरह-तरह के ठेठ मुहावरे मिलते हैं, जो उस काव्य के सौन्दर्य को विशेष दीप्ति प्रदान करते हैं।