भगवान दीन वाक्य
उच्चारण: [ bhegavaan din ]
उदाहरण वाक्य
- शहर से सटी ग्राम सभा मीरपुर में जब वह एसडीएम सदर भगवान दीन के साथ पहुंचे तो वहां पर पूर्व सूचना के आधार पर सत् यापन व जांच का पूरा मंच तैयार था।
- भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद, गोपाल शरण सिंह, माखन लाल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा, रामकुमार वर्मा, श्याम नारायण पांडेय, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
- नारद, मननशील लोक, और शेषनाग भी नहीं जान सके | शंकर भगवान दीन रात आपका ध्यान करते हैं और अब तक उसी अवस्था में झूल रहें हैं लेकिन आप के स्वरुप को नहीं जान सके |
- हिन् दी के प्रारंभिक कहानीकारों में किशोरीलाल गोस् वामी, भगवान दीन बी. ए., माधव प्रसाद मिश्र, बंग महिला, आचार्य रामचंद्र शुक् ल, जयशंकर प्रसाद, वृंदावनलाल वर्मा आदि उल् लेखनीय हैं।
- सिटी मजिस्ट्रेट भगवान दीन ने बीते दिन एजेंसी मालिकों के साथ मीटिंग कर आदेशित किया था कि अगर किसी भी एजेंसी के बाहर लाइन लगी दिखायी दी तो उस एजेंसी मालिक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
- तभी गांव का ही विनोद पाल पुत्र भगवान दीन वहां आ धमका और मीनू के गले में पडी शाल को कस दिया तथा उसको शाल के सहारे घसीटते हुये पडोस में यूके लिप्टस की बगिया में ले गया।
- भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद, गोपाल शरण सिंह, माखन लाल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा, रामकुमार वर्मा, श्याम नारायण पांडेय, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
- बताया गया है कि कुसहा निवासी गुलाब कली पति देवमुनि 45 वर्ष, सुगनी कोल पिता भगवान दीन 60 वर्ष गुजर कोल पिता देवमूरत 11 वर्ष एवं देवमुनि कोल 50 वर्ष गम्भीर रूप से घायल हुये थे जिन्हे उपचार के लिये आज संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- थाना क्षेत्र बल्दीराय के अन्तर्गत ग्राम बल्लोपुर नरसडा निवासी दलित महिला राधा देबी (काल्पनिक नाम) पत्नी बलराम कोरी की दिनांक 26.11.10 को समय रात्रि लगभग साढें 11 बजे गांव के ही भगवान दीन सुत खूटीं तथा साथ में अन्य दो लोगो ं के द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया।
- लाला भगवान दीन, श्याम सुंदर दास, रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, केशव प्रसाद मिश्र, विश्वनाथ मिश्र, बच्चन सिंह, शिव प्रसाद सिंह, और शुकदेव सिंह जैसे आचार्यो और नंद दुलारे वाजपेयी, शिवमंगल सिंह सुमन, नामवर सिंह, केदारनाथ सिंह, विश्वनाथ त्रिपाठी जैसे छात्रों ने देश और दुनिया भर में हिंदी का सिर ऊंचा उठाया है।