भड़ैंती वाक्य
उच्चारण: [ bhedeaineti ]
उदाहरण वाक्य
- इस प्रकार की सफलता से तीसरे प्रकार की भड़ैंती का जन्म हुआ जिसमें वहाँ उपस्थित प्रसिद्ध लोगों पर श्लेष और विनोद करने की प्राचीन परिपाटी के अतिरिक्त सीधे दर्शक ही फंद में फँसा लिए जाते हैं।
- इस प्रकार की सफलता से तीसरे प्रकार की भड़ैंती का जन्म हुआ जिसमें वहाँ उपस्थित प्रसिद्ध लोगों पर श्लेष और विनोद करने की प्राचीन परिपाटी के अतिरिक्त सीधे दर्शक ही फंद में फँसा लिए जाते हैं।
- भड़ैंती (Farce / फ़ार्स) का साधारण अर्थ है 'निम्नकोटि का प्रहसन' जिसका उद्देश्य भावभंगी, मुद्रा, अभिनय, परिस्थिति या हँसी विनोद के द्वारा हास्य उत्पन्न करना होता है और जो चरित्र या रीति विषयक प्रहसनों (कोमेडी ऑफ कैरेक्टर्स एंड मैनर्स) से पूर्णत: पृथक होती है।
- तीसरे प्रकार की शारीरिक भड़ैंती में जिस व्यक्ति के साथ विनोद किया जाता है उसे पुरस्कार भी दिया जाता है जैसे, मोटे व्यक्ति की गोद में बरफ रख देने के पश्चात् उसपर किसी पेय पदार्थ की बहुमूल्य बोतल भी रख दी जाती है और इस प्रकार दृश्य में जनता के सहयोग की भावना अधिक प्रबल हो जाती है।
- तीसरे प्रकार की शारीरिक भड़ैंती में जिस व्यक्ति के साथ विनोद किया जाता है उसे पुरस्कार भी दिया जाता है जैसे, मोटे व्यक्ति की गोद में बरफ रख देने के पश्चात् उसपर किसी पेय पदार्थ की बहुमूल्य बोतल भी रख दी जाती है और इस प्रकार दृश्य में जनता के सहयोग की भावना अधिक प्रबल हो जाती है।
- इंग्लैंड में सन् १८०० ई. के लगभग वे सब छोटे नाटक ही फ़ार्स कहलाने लगे जो मुख्य नाटक के पश्चात् खेले जाते थे, चाहे वे जिस भी प्रकार के क्यों न हों और इसी लिए १९वीं शताब्दी में उनका ठीक नाटकीय नामकरण न होने के कारण, उनके मूल रूप ही लुप्त हो गए और अपनी सूक्ष्मता के अतिरिक्त अन्य सब बातों में भड़ैंती (फ़ार्स) शब्द आचारनाटक (कौमेदी ऑव मैनर्स), हास्यनृत्य (वादेविले), अटर सटर (एक्सट्रावेगेंजा) ओर मूक, नाट्य (पेंटोमीम) से लेकर प्रहासक (बरलेस्क) के सब रूपों के लिए प्रयुक्त होने लगा।
- इंग्लैंड में सन् १८०० ई. के लगभग वे सब छोटे नाटक ही फ़ार्स कहलाने लगे जो मुख्य नाटक के पश्चात् खेले जाते थे, चाहे वे जिस भी प्रकार के क्यों न हों और इसी लिए १९वीं शताब्दी में उनका ठीक नाटकीय नामकरण न होने के कारण, उनके मूल रूप ही लुप्त हो गए और अपनी सूक्ष्मता के अतिरिक्त अन्य सब बातों में भड़ैंती (फ़ार्स) शब्द आचारनाटक (कौमेदी ऑव मैनर्स), हास्यनृत्य (वादेविले), अटर सटर (एक्सट्रावेगेंजा) ओर मूक, नाट्य (पेंटोमीम) से लेकर प्रहासक (बरलेस्क) के सब रूपों के लिए प्रयुक्त होने लगा।