भारतीय लिपियाँ वाक्य
उच्चारण: [ bhaaretiy lipiyaan ]
उदाहरण वाक्य
- लिपि की तकनीकी सरलता के कारण बढ़ी है, हिन्दी (देवनागरी) तथा भारतीय लिपियाँ अपनी तकनीकी जटिलता के कारण ही पिछड़ी हैं।
- (छपाई में कभी कभी 'ध', 'द' के बायीं ओर प्रतीत होता है, इससे भ्रम हो सकता है कि भारतीय लिपियाँ नियमानुसार नहीं हैं।
- (छपाई में कभी कभी 'ध', 'द' के बायीं ओर प्रतीत होता है, इससे भ्रम हो सकता है कि भारतीय लिपियाँ नियमानुसार नहीं हैं।
- यदि इस स्थिती में अंतर नहीं आया और भारतीय लिपियाँ इस जुडाव के लायक नहीं रह पाईं तो उनका बेमानी हो जाना अटल है।
- और जब सुनता है तो उसके शुद्ध (?) उच्चारण को जाँचने के लिए देवनागरी तथा अन्य भारतीय लिपियाँ उसकी कोई मदद नहीं करती।
- (छपाई में कभी कभी ' ध ', ' द ' के बायीं ओर प्रतीत होता है, इससे भ्रम हो सकता है कि भारतीय लिपियाँ नियमानुसार नहीं हैं।
- · भारतीय लिपियों के लिए ISCII कोड और इन्स्क्रिप्ट भारतीय लिपियाँ अपने स्वरूप में अक्षरात्मक हैं, लेकिन उनका स्वरूप ध्वन्यात्मक है औरब्राह्मी लिपि से उद्भव के कारण उनकी विरासत भी एक ही है.
- अक्तूबर १ ९९ १ में यूनिकोड का पहला संस्करण १. ०. ० जारी जिसमें नौ भारतीय लिपियाँ देवनागरी, बंगाली, गुजराती, गुरुमुखी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम तथा ओड़िया शामिल की गयी।
- इसे हम यों समझ सकते हैं कि विश्वमें भाषाएँ और लिपियाँ कई हैं लेकिन वर्णमालाएँ केवल चार है-(1) ब्राह्मी-जिससे देवनागरी (संस्कृत), अन्य सारी भारतीय लिपियाँ, साथही सिंहली, थाई, तिब्बती, इंडोनेशियन और मलेशियन लिपियाँ बनीं।
- देवनागरी तथा अन्य भारतीय लिपियाँ कम्प्यूटिंग की दृष्टि से क्लिष्ट (complex) श्रेणी में रखी गईं हैं, जिसका कारण है शून्य चौड़ाई वाले अक्षर अर्थात् मात्राएँ, संयुक्ताक्षर तथा दोमुँहा तकनीकी (भण्डारण, संसाधन के लिए यूनिकोड कूट और पारम्परिक रूप में प्रदर्शन और मुद्रण के लिए ओपेन टाइप फोंट का प्रयोग) ।