भारद्वाज मुनि वाक्य
उच्चारण: [ bhaaredvaaj muni ]
उदाहरण वाक्य
- कथा के अनुसार भारद्वाज मुनि और पृथ्वी के पुत्र मंगल की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर माघ कृष्ण पक्ष में चतुर्थी (
- द्रोण अपने पिता भारद्वाज मुनि के आश्रम में ही रहते हुये चारों वेदों तथा अस्त्र-शस्त्रों के ज्ञान में पारंगत हो गये थे।
- अब हम चलते हैं भारद्वाज मुनि कृत यंत्रणार्व ग्रन्थ के वैमानिक प्रकरण में दी गई मन्त्र, तंत्र और यंत्र की परिभाषा की ओर........
- एक रात भारद्वाज आश्रम में ठहरने के पश्चात् अगले दिन प्रातः काल श्री राम ने भारद्वाज मुनि से अपने गंतव्य पर जाने की आज्ञा मांगी।
- वैशाख शुक्ल पंचमी को श्रीराम दल-बल के साथ भारद्वाज मुनि के साथ आए और चौदहवाँ वर्ष पूर्ण होने पर षष्टि को नन्दीग्राम जाकर भरत से मिले।
- पुनः पद्मकल्प में वही गुणनिधि प्रजापति पुलस्त्य के पुत्र विश्रवामुनि की पत्नी और भारद्वाज मुनि की कन्या इडविडा (इलविला) के गर्भ से उत्पन्न हुए।
- भारद्वाज मुनि का प्रसिद्ध आश्रम भी यहीं आनन्द भवन के पास है, जहाँ भगवान राम श्रृंगवेरपुर से चित्रकूट जाते समय मुनि से आशीर्वाद लेने आए थे।
- पुनः पद्मकल्प में वही गुणनिधि प्रजापति पुलस्त्य के पुत्र विश्रवामुनि की पत्नी और भारद्वाज मुनि की कन्या इडविडा (इलविला) के गर्भ से उत्पन्न हुए।
- भारद्वाज मुनि का प्रसिद्ध आश्रम भी यहीं आनन्द भवन के पास है, जहाँ भगवान राम श्रृंगवेरपुर से चित्रकूट जाते समय मुनि से आशीर्वाद लेने आए थे।
- उसी तरह भारद्वाज मुनि के सारे सुख सुविधा के ताम-झाम के बाद भी भरत का मन उन सब भोगों से विरत ही रहा और सुबह हो गई।