भोर का सपना वाक्य
उच्चारण: [ bhor kaa sepnaa ]
उदाहरण वाक्य
- अन्तर की चाहना खिंच लो खिंच आऊंगी, भूला दो भुल जाऊंगी सब कहीं हूं सुबह की ओस भोर का सपना हूं अन्तर की चाहना में पुकारोगे मिलूंगी हर पल रोकर गुज़ारोगे हैरान देखूंगी, हसूंगी, उड़ जाऊंगी।
- याद तुम्हारी, भोर का सपना,उन्नींदा अलसाया सा रजनी के पिछले पहरों में,चुपके से वो आया था आते देख उसे बगिया में,पक्षी कलरव करने लगे प्रस्फुटित होने लगी कलिकाएँ, भ्रमर पराग रस भरने लगे ~~~
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- धीरे-धीरे तर जाता है नई ग़ज़ल / सचमुच कितना पगला है वो....... 'सुख खोजूंगा' निकला है वो कितना तन्हा-तन्हा है वो उसकी गलती माफ़ भी कर दो जैसा भी है अपना है वो मंजिल वो इक दिन पायेगा गिरता मगर संभलता है वो मंजिल आखिर पाई उसने लेकिन कितना भटका है वो कब होगा साकार न जाने वैसे भोर का सपना है वो मुस्काने में क्या कोताही?
- धरती के अंधेरे सूने उजाड़ कोनों में खोई हुई / और गहराईयों में सोई हुई असंख्य उम्मीदें / देखती हैं कितने ही सुंदर सपने / बदलते समयों का पतझड़ के मौसम में / आने वाले वसंत का सपना घटाटोप अंधेरी रातों में / किसी उजले भोर का सपना और उन सपनों की सुगबुगाहट / कभी कभी चीरकर अंधेरो की कब्र / चली आती है सतह के ऊपर, अपनी रोशनी की बरसात लिए और एक नया गीत बनकर बरस जाती है.