मंखक वाक्य
उच्चारण: [ menkhek ]
उदाहरण वाक्य
- समुद्रबंध आदि दक्षिण के विद्वान टीकाकारों ने मंखक को ही ' अलंकारसर्वस्व ' का भी कर्ता माना है।
- ' श्रीकंठचरित' महाकाव्य के रचयिता मंख या मंखक के कथानुसार जल्हण उसके भाई अलंकार की विद्वत्सभा के पंडित थे।
- ' श्रीकंठचरित्' में मंखक ने अध्यापक, विद्वान् व्याख्याकार तथा साहित्यशास्त्री के रूप में अपने गुरु रुय्यक का परिचय दिया है।
- अंत: साक्ष्य भी यही बात प्रमाणित करता है, तथापि समुद्रबंध ने अलंकार सर्वस्व को मंखक की कृति माना है।
- संस्कृत के महाकवि मंखक ने व्याकरण, साहित्य, वैद्यक, ज्योतिष तथा अन्य लक्षण ग्रंथों का ज्ञान प्राप्त किया था।
- महाकवि मंखक का जन्म प्रवरपुर में हुआ था जो कश्मीर में सिंधु और वितस्ता के संगम पर महाराज प्रवरसेन द्वारा बसाया गया था।
- मंखकोश की टीका का, जो स्वयं मंखक की है, उपयोग जैन आचार्य महेंद्र सूरि ने अपने गुरु हेमचंद्र के अनेकार्थ संग्रह (1180 ई.)
- मंखक (1100 से 1160 ईसवी लगभग) जन्म प्रवरपुर (कश्मीर में सिंधु और वितस्ता के संगम पर स्थित) आचार्य रुय्यक के शिष्य और संस्कृत के महाकवि।
- शोभाकर से लेकर पंडितराज जगन्नाथ तक आलंकारिकों की सुदीर्ध परंपरा में मंखक का आलंकारिक के रूप में, एक प्रसंग को छोकर, कहीं संदर्भ नहीं है।
- संभव है, संधिविग्रहिक मंखक ने अपने गुरु के ग्रंथ का संपादन संशोधन किया हो जिससे सुदूर दक्षिण में उसके कृतित्व की भ्रांत परंपरा चल पड़ी हो।