मजरुह सुल्तानपुरी वाक्य
उच्चारण: [ mejruh suletaanepuri ]
उदाहरण वाक्य
- मजरुह सुल्तानपुरी और आनंद बक्शी से प्रेरणा हासिल करने के बारे में समीर ने कहा, '' उनके काम के ढर्रे को देखिए।
- बीबीसी से एक खास मुलाकात में लता मंगेशकर ने बताया कि गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी की पत्नी से उनकी खासी अच्छी दोस्ती थी.
- मजरुह सुल्तानपुरी साहब की रचना और एस. डी. बर्मन साहब का संगीत, विजय आनंद साहब के खुबसुरत फिल्मांकन / निर्देशन में खूब निखर गया हैं /
- राजिंदर सिंह बेदी साहब द्वारा लिखित एवं निर्देशित, मदन मोहन साहब के अनमोल और संगीत में ढलकर मजरुह सुल्तानपुरी साहब का यह नगमा इस फिल्म के जैसे प्राण हैं...
- आज पुण्य तिथि है इनकी-मजरुह सुल्तानपुरी चाक-ए-जिगर मुहताज-ए-रफ़ू है आज तो दामन सिर्फ़ लहू हैएक मौसम था हम को रहा है शौक़-ए-बहाराँ तुमसे ज़ियादा || “एक दिन बिक जाएगा माटी के म...
- दो गाने बैया न धरो बलमा और हम हैं मता ए कूचा ओ बाजार तो मदम मोहन, लता मंगेशकर और मजरुह सुल्तानपुरी के द्वारा रचित बेहद महत्वपूर्ण गानों में शामिल हो गये हैं।
- (एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल जग में रह जाएगा प्यारे तेरे बो ल......) जिन्दगी की सच्चाई को बयां करता मजरुह सुल्तानपुरी के कलाम में जिंदगी के अनछुए पहलुओं से रूबरू कराने की जबरदस्त कुव्वत थी।
- लता ने बताया है कि बीमारी के दौरान वह गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी के स्नेह को नहीं भूल सकतीं, जो पूरे तीन महीने तक हर रोज शाम छह बजे आकर उनके पास बैठते थे और जो कुछ वह खाती थीं वही खाते थे।
- आज पुण्य तिथि है इनकी-मजरुह सुल्तानपुरी चाक-ए-जिगर मुहताज-ए-रफ़ू है आज तो दामन सिर्फ़ लहू हैएक मौसम था हम को रहा है शौक़-ए-बहाराँ तुमसे ज़ियादा || “एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएगा प्यारे तेरे बोल '' एक ऐसा..
- आर डी हिन्दुस्तानी के साथ पाश्चात्य संगीत का भी मिश्रण करते थे, जो सचिन देव वर्मन साहब को रास नहीं आता था, इस बात पर एक बार मशहूर गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी साहब ने इन्हें समझाया तो पंचम बोले: “देखिये अंकल,बाबा बहुत बड़े म्यूजिक डायरेक्टर हैं,उनसे मैने बहुत कुछ सीखा है और सीखूँगा,लेकिन मैं उनकी राह पर नहीं चलूँगा ।