मदन वात्स्यायन वाक्य
उच्चारण: [ medn vaatesyaayen ]
उदाहरण वाक्य
- इस शहर को साहित्यिक पहचान देने वालों में अयोध्याप्रसाद खत्री, बाहर से आए देवकी नंदन खत्री, रामवृक्ष बेनीपुरी, मदन वात्स्यायन, ललित प्रसाद सिंह नटवर, रामधारी सिंह दिनकर, आचार्य रामदीनपांडेय, डा.
- निराला के गीतों में आये बदलाव के साथ ही तत्कालीन मदन वात्स्यायन, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, राजेन्द्र किशोर, श्यामसुन्दर घोष, रामनरेश पाठक आदि गीत कारों के गीतों की वैचारिक और प्रभावी अंतर्वस्तु भी बदलने लगी थी।
- ‘तीसरा सप्तक ' (1960) के संपादक अज्ञेय ने 60 के दशक में प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना और मदन वात्स्यायन जैसे साहित्यकारों के साथ कीर्ति चौधरी को भी तीसरा सप्तक का हिस्सा बनाया।
- तीसरा सप्तक ' (1960) के संपादक अज्ञेय ने 60 के दशक में प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना और मदन वात्स्यायन जैसे साहित्यकारों के साथ कीर्ति चौधरी को भी तीसरा सप्तक का हिस्सा बनाया।
- ‘तीसरा सप्तक ' (1960) के संपादक अज्ञेय ने 60 के दशक में प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना और मदन वात्स्यायन जैसे साहित्यकारों के साथ कीर्ति चौधरी को भी तीसरा सप्तक का हिस्सा बनाया.
- धर्मवीर भारती, हरि व्यास, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय, शकुन्त माथुर, महेन्द्रभटनागर, सर्वेश्वरदयाल, मदन वात्स्यायन, विजयदेव साही, नामवर सिंह, सिद्धनाथ कुमार, राजनारायण बिसारिया आदि कितने ही नये कवि हमारे सामने हैं।
- कवियत्री रश्मि रेखा ने कागजों के ढेर से-तीसरा सप्तक में छप चुकीं या यहां वहां टूटफूट में छपी रचनाओं को छोड़-तलाश कर सड़सठ कविताओं का ‘ शुक्रतारा ' सामने ला कर बताया है कि मदन वात्स्यायन कौन थे।
- कपिल, महादेवी वर्मा, माखन लाल चदुवेर्दी, अम्बिका प्रसाद वाजपेयी, सुमित्रानन्दन पंत, महापंडित राहुल सांकृत्यायन, जगदीश चन्द्र माथुर, उपेन्द्रनाथ अश्क, उदय शंकर भटृट, शांतिप्रिय द्विवेदी, सेठ कन्हैया लाल पोद्दार, मदन वात्स्यायन, डा.
- तीसरा सप्तक ' (1960) के संपादक अज्ञेय ने 60 के दशक में प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना और मदन वात्स्यायन जैसे साहित्यकारों के साथ कीर्ति चौधरी को भी तीसरा सप्तक का हिस्सा बनाया.
- ‘ तीसरा सप्तक ' (1960) के संपादक अज्ञेय ने 60 के दशक में प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना और मदन वात्स्यायन जैसे साहित्यकारों के साथ कीर्ति चौधरी को भी तीसरा सप्तक का हिस्सा बनाया.