मधु-कैटभ वाक्य
उच्चारण: [ medhu-kaitebh ]
उदाहरण वाक्य
- शुम्भ-निशुम्भ (गर्व और शर्म) और मधु-कैटभ (अत्यधिक राग द्वेष) को नष्ट करने का सन्देश है.
- इसी प्रक्रिया से वैचारिक आंदोलन खड़ा कर आजके मधु-कैटभ, मिड़िया के अन्दर के असुर का नाश हो सकता है।
- जिसके द्वारा ही महिषासुर (अर्थात जड़ता), शुम्भ-निशुम्भ (गर्व और शर्म) और मधु-कैटभ (अत्यधिक राग-द्वेष) को नष्ट किया जा सकता है।
- मधु-कैटभ की उत्पत्ति भगवान विष्णु के कानों के मैल से हुई थी और भगवान विष्णु के हाथों दोनों मारे भी गये।
- मुम्बई में ताज हमले के समय आतंकवादियों को सुरक्षाबलों के योजना की सारी जानकारी आधुनिक मधु-कैटभ की कृपा से ही मिल रही थी।
- ऐसे युद्ध का उदाहरण मधु-कैटभ के साथ विष्णु का युद्ध है, जो समुद्र में पाँच हज़ार वर्षों तक होता रहा था-
- केशी, हिरण्यकशिपु, मधु-कैटभ, पुर, नरक आदि दैत्यों का, रावणादि राक्षसों का तथा शिशुपाल आदि का संहार उन्होंने किया है।
- मथुरा (मधुरा, मधुवन, मधुपुरी) के राजा मधु (मधु-कैटभ वाला) से रावण की बहिन कुम्भिनी का विवाह हुआ था।
- सूर्यवंशी क्षत्रियों का वह जत्था जिसने मधु-कैटभ से मथुरा छीनी थी पीछे से मथुरा से चन्द्रवंशियों द्वारा हटा दिया गया था, वही माथुर कहलाया।
- पौराणिक आख्यानों के अनुसार भगवान विष्णु के द्वारपालों जय विजय को शापवश मधु-कैटभ, हिरणाक्ष्य, हिरण्यकश्यप व रावण-कुंभकरण का पात्र अभीनित करना पडा था किन्तु मूलत: