महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय वाक्य
उच्चारण: [ mhent ghaasidaas semaarek sengarhaaley ]
उदाहरण वाक्य
- नाचा-गम्मत कार्यशाला में भाग लेने के लिए आवेदन पत्र महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर स्थित आयुक्त, संस्कृति एवं पुरातत्व कार्यालय में प्रतिदिन सुबह साढ़े दस से शाम पांच बजे तक प्राप्त किए जा सकते हैं।
- इच्छुक व्यक्त् िअथवा संस्था द्वारा बायोडाटा और उपलब्धियों के ब्यौरे सहित प्रविष्टियां 21 अप्रैल तक संचालक, संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय, छत्तीसगढ़ शासन, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, जी.ई. रोड रायपुर को भेजी जा सकती है।
- छत्तीसगढ़ शासन, संस्कृति विभाग के द्वारा प्रतिवर्ष की भांति पारंपरिक शिल्प एवं विविध कला प्रशिक्षण शिविर आकार-2012, इस वर्ष 23 अप्रैल से महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, सिविल लाईन, रायपुर में प्रारंभ हो रहा है ।
- इस दिन मैं महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय, रायपुर के सभा-कक्ष में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा होता हूँ, जहाँ भाई डॉ. सुधीर शर्मा लालाजी का जिक्र करते हैं।
- दिनांक 18. 02.12 को सायं 7:30 बजे मुक्ताशी मंच, संस्कृति भवन, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, रायपुर में प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित नाटक “गोदान” का मंचन कोशल नाट्य अकादमी द्वारा वरिष्ठ रंगकर्मी श्री मिर्जा मसूद के निर्देशन में किया जावेगा ।
- छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग द्वारा रंगमंचीय प्रस्तुतियां सफर मुक्ताकाश की श्रृखला के अंतर्गत दिनांक 17 मार्च 2012 को सायं 7. 00 बजे मुकाताशी मंच, संस्कृति भवन, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, रायपुर में अग्रगामी नाट्य समिति रायपुर द्वारा तैयार नाटक अग्नि और बरखा का मंचन किया जावेगा
- बहरहाल, रायपुर का महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय, ताम्रयुगीन उपकरण, विशिष्ट प्रकार के ठप्पांकित व अन्य प्राचीन सिक्कों, किरारी से मिले प्राचीनतम काष्ठ अभिलेख, ताम्रपत्र और शिलालेखों और सिरपुर से प्राप्त अन्य कांस्य प्रतिमाओं सहित मंजुश्री और विशाल संग्रह के लिए पूरी दुनिया के कला-प्रेमी और पुरातत्व-अध्येताओं में जाना जाता है।
- महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर में 11 मई से शुरू हो रहे ' आकार' में छत्तीसगढ़ की प्रसिध्द शिल्पकला के साथ-साथ अन्य राज्यों की शिल्पकला जिनमें जूट शिल्प, ढोकरा शिल्प, मृदा शिल्प, मधुबनी चित्रांकन, रजवार भित्ति चित्र, पेंटिंग चित्रकला, पट चित्र, बोनसाई कला, क्ले वर्क आर्ट, ड्राई फ्लावर, गोदना पेंटिंग, काष्ठ शिल्प तथा लोकनृत्य और लोक संगीत का प्रशिक्षण दिया जाएगा।