महावस्तु वाक्य
उच्चारण: [ mhaavestu ]
उदाहरण वाक्य
- ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी के ' महावस्तु ' नामक एक बौद्ध ग्रंथ के अनुसार राजगृह नगरी में लगभग 36 विभिन्न प्रकार के शिल्पी रहते थे।
- बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय, महावस्तु मे १६ महाजनपदों में भी कम्बोज का कई बार उल्लेख हुआ है-ये गांधारों के समीपवर्ती थे।
- इससे प्रतीत होता है कि महावस्तु के कर्ता के संमुख एक संस्कृत पद्यात्मक धर्मपद था जिसमें पद्यों की सख्या पालि धम्मपद की अपेक्षा अधिक थी।
- इससे प्रतीत होता है कि महावस्तु के कर्ता के संमुख एक संस्कृत पद्यात्मक धर्मपद था जिसमें पद्यों की सख्या पालि धम्मपद की अपेक्षा अधिक थी।
- इससे प्रतीत होता है कि महावस्तु के कर्ता के संमुख एक संस्कृत पद्यात्मक धर्मपद था जिसमें पद्यों की सख्या पालि धम्मपद की अपेक्षा अधिक थी।
- लेकिन जन्म के आरम्भिक विवरण संस्कृत ग्रन्थों, महावस्तु और ललितविस्तर [2] में हैं, दोनों को ही पहली या दसरी शताब्दी से पहले का नहीं माना जा सकता।
- विश्व के प्रसिद्द धर्म सुधारकों एवं दार्शनिकों में अग्रणी महात्मा बुद्ध के जीवन की घटनाओं का विवरण अनेक बौद्ध ग्रन्थ जैसे-ललितबिस्तर, बुद्धचरित, महावस्तु एवं सुत्तनिपात से ज्ञात होता है।
- आचार्य · स्थिरमति आचार्य · दिङ्नाग आचार्य · धर्मकीर्ति · नागसेन · बोधिधर्म आचार्य · शान्तरक्षित आचार्य · बौद्ध संगीति प्रथम · बोरोबुदुर · महावस्तु · कमलशील आचार्य · पद्मसंभव आचार्य · शान्तिदेव आचार्य · शुभगुप्त
- पालि सहित्य में लिच्छवि वज्जि संघ की प्रधान जाति थी अतएव अंगुत्तर निकाय (1,213: 4,252), महावस्तु (2,2) तथा विनयपिटक (2,146) में षोड़श महाजनपद की सूची में वज्जि का ही नाम आता है, लिच्छवि का नहीं।
- पालि सहित्य में लिच्छवि वज्जि संघ की प्रधान जाति थी अतएव अंगुत्तर निकाय (1,213: 4,252), महावस्तु (2,2) तथा विनयपिटक (2,146) में षोड़श महाजनपद की सूची में वज्जि का ही नाम आता है, लिच्छवि का नहीं।