मांसपेशियों की कमजोरी वाक्य
उच्चारण: [ maanespeshiyon ki kemjori ]
उदाहरण वाक्य
- यह हृदय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण उत्पन्न हृदय की निष्क्रियता सीएचएफ (कान्जैस्टिव हार्ट फेल्यर) और सांस लेने में कठिनाई से बचाव की एक उत्कृष्ट प्राकृतिक दवा है।
- इसकी कमी से स्कर्वी (त्वचा रोग), मांसपेशियों की कमजोरी, जोडों का दर्द, एनीमिया, फटीग, भोजन में अरुचि, इम्यून सिस्टम संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- मांसपेशियों की कमजोरी हमेशा थी, लेकिन कुछ साल पहले एक सत्याग्रह स्थल पर एक पुलिस वाले ने धक्का दिया तो मैं बिल्कुल गिर जाता, पास बैठे एक साथी ने मुझे पकड़ लिया ।
- मांसपेशियों की कमजोरी हमेशा थी, लेकिन कुछ साल पहले एक सत्याग्रह स्थल पर एक पुलिस वाले ने धक्का दिया तो मैं बिल्कुल गिर जाता, पास बैठे एक साथी ने मुझे पकड़ लिया ।
- हमेशा एक ही स्थिति में बैठने के कारण, शारीरिक व्यायाम की कमी के कारण, पेट की मांसपेशियों की कमजोरी, मोटापा तथा जरूरत से अधिक भोजन करने के कारण भी हार्निया रोग हो जाता है।
- शरीर में पानी कम होने से सिर दर्द, मांसपेशियों की कमजोरी, थकान और सोचने की शक्ति कम होने जैसी स्थितियां बनने लगती हैं और कई लोगों को काम के दौरान इस बात का आभास ही नहीं हो पाता।
- उनके अनुसार विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो सकता है, जिसमें शरीर में थकान, मांसपेशियों की कमजोरी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मसूढ़ों से खून आना और टांगों में चकत्ते पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
- अश्वगंधा कमजोर, सूखा रोग पीड़ित बच्चों व रोगों के बाद की कमजोरी में, शारीरिक और मानसिक थकान बुढ़ापे की कमजोरी, मांसपेशियों की कमजोरी व थकान आदि में अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण देसी गाय का घी और पाक निर्धारित मात्रा में सेवन कराते हैं ।
- यकृत में वसा कोशिकाओं के अनाधिकार विस्तार (फैटीइन्फिल्ट्रेशन) से होने वाले कुपोषण, बुढ़ापे की कमजोरी, मांसपेशियों की कमजोरी व थकान, रोगों के बाद की कृशता आदि में असगंध मूल चूर्ण आतिशा घृत या पाक निर्धारित मात्रा में सेवन कराते हैं ।
- किसी भी प्रकार की अतिगलग्रंथिता में मौजूद रह सकने वाली लघु दृष्टि (आंख)संबंधी लक्षण हैं पलक प्रत्याहार (आईलिड रिट्रैक्शन) (“टकटकी”), अतिरिक्त नेत्र मांसपेशियों की कमजोरी और पपनी का मंद पड़ना.[कृपया उद्धरण जोड़ें] अतिगलग्रंथि (हाइपरथाइरॉइड) टकटकी (डेलरिम्पल लक्षण) में पलकें सामान्य से अधिक ऊपर की ओर प्रत्यादिष्ट होती हैं (श्रेष्ठतर स्वच्छमण्डल एवं श्वेतपटल किनारा (सुपीरियर कॉर्नियोस्क्लेरल लिम्बस) सामान्य स्थिति होती है, जहां आंख की पुतली की ऊपरी सीमा पर आंख का “सफ़ेद” शुरू होता है).