मुज़फ्फराबाद वाक्य
उच्चारण: [ mujefefraabaad ]
उदाहरण वाक्य
- शेख गए और २७ मई १९६४ के दिन जब पाक अधिकृत कश्मीर के मुज़फ्फराबाद में उनके लिए दोपहर के भोजन के लिए की गयी व्यवस्था में उनके पुराने दोस्त मौजूद थे, जवाहरलाल नेहरू की मौत की खबर आई.
- शेख गए. और २७ मई १९६४ के,दिन जब पाक अधिकृत कश्मीर के मुज़फ्फराबाद में उनके लिए दोपहर के भोजन के लिए की गयी व्यवस्था में उनके पुराने दोस्त मौजूद थे, जवाहरलाल नेहरू की मौत की खबर आई.
- शेख गए. और 27 मई 1964 के,दिन जब पाक अधिकृत कश्मीर के मुज़फ्फराबाद में उनके लिए दोपहर के भोजन के लिए की गयी व्यवस्था में उनके पुराने दोस्त मौजूद थे, जवाहरलाल नेहरू की मौत की खबर आई.
- प्रवक्ता सरना ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा “ किसी भी भारतीय नागरिक को श्रीनगर मुज़फ्फ़राबाद बस के ज़रिए नियंत्रण रेखा पार कर मुज़फ्फराबाद और अन्य स्थानों पर जाने के आवेदन पर विचार करने के लिए सरकार तैयार है. ”
- पीडीपी के हवाले से महबूबा मुफ्ती भी कहे तो कुछ नहीं है मगर मुज़फ्फराबाद मार्च का समर्थन करते है और तो और पुलिश फायरिंग में मरे गए हुर्रियत के एक नेता के जनाजे में हिंदुस्तान में पकिस्तान के जयकारे लगते है और.......................
- आज के समारोह में समय सिंह पुण्डीर, नाथीराम, कृष्ण लाल रोहिला, सहित घाटहेडा, रामपुर मनिहारान, बडगांव, नानौजा, नकुड, गंगोह, सरसावा, मुज़फ्फराबाद क्षेत्र के रोहिला बन्धुओं सहित तथा अन्य जनपदों के रोहिला बन्धु उपस्थित रहे।
- अपनी मातृभूमि से जुदा होने वाले श्यामलाल शर्मा अकेले व्यक्ति नहीं हैं बल्कि यह उन 41119 परिवारों की दास्तां है जो कश्मीर के मुज़फ्फराबाद, मीरपुर और पुंछ में अक्टूबर 1947 को होने वाले कबाईली हमलों के बाद अपना घर छोड़ कर भागे थे।
- शेख गए. और २ ७ मई १ ९ ६ ४ के, दिन जब पाक अधिकृत कश्मीर के मुज़फ्फराबाद में उनके लिए दोपहर के भोजन के लिए की गयी व्यवस्था में उनके पुराने दोस्त मौजूद थे, जवाहरलाल नेहरू की मौत की खबर आई.
- इसी तरह से 2007 के विधान सभा चुनाव में सपा में रहते हुए भी रशीद मसूद द्वारा अपनी ही पार्टी के दो उम्मीदवारों सहारनपुर व मुज़फ्फराबाद की सीट से लड़ने वाले संजय गर्ग और जगदीश राणा के खिलाफ जा कर उनको हराने में और भाजपा को जिताने में कूटनीतिक भूमिका निभाई थी.
- १ ९ ४ ७ में ९ ० हज़ार हिन्दू-सिखो क़ा नरसंहार हुआ व शेष लोग मीरपुर, पूंछ, व मुज़फ्फराबाद जिलो से जम्मू-कश्मीर में आए थे जिनकी बर्तमान संख्या आठ लाख है, अपने उचित अधिकारों के लिए ६ २ वर्षो से संघर्ष कर रहे है अभी तक पुनर्वास की प्रतीक्षा में है राज्य बिधान सभा में २ ४ बिधान सभा सीट पाक अधिकृत कश्मीरी के लिए रिक्त है लेकिन पाक से आए बिस्थापितो को स्थान नहीं मिला.