मैं ऐसा ही हूँ वाक्य
उच्चारण: [ main aisaa hi hun ]
उदाहरण वाक्य
- क्योंकि गैर-तो-गैर अपने भी सीधी-सच्ची और सूरज या आईने की तरह साफ़ सी चीज़ तक को नहीं मानते.... कोई भी व्यक्ति महज अपने आत्ममुग्ध अहंकार की वजह से अपनी गलतियों को नहीं मानता और ना सिर्फ वो अपनी गलती नहीं मानता बल्कि सीधा-साधा यह तक भी एलान कर डालता है की मैं ऐसा ही हूँ...
- और यह भी समझ लीजिये मैं किसी को स्नेह करता हूँ तो अपरिहार्य और अति असहनीय आचरणों पर किसी दैवीय प्रेरणा वश यथा सामर्थ्य दण्डित किये बिना भी नहीं छोड़ता! चाहे वह मेरा निकटतम रक्त संबंधी ही क्यों न हो! एक डेढ़ साल साथ रहकर आप यह समझ नहीं पायीं, आश्चर्य है! मैं ऐसा ही हूँ! बाई बर्थ!
- मौक़ापरस्तों और ठगों की बस्तियाँ जलाने का अनुरोध, मुल्क़ के सौदागरों को ख़त्म करने के भाव, धरती के घिनौने दाग़ धो डालने की उम्मीद और एक नई धुली, सद्यःस्नाता धरा की कामना भी है | दूसरी ग़ज़ल में सितारों की चमक आशावाद का प्रतीक है | तीसरी ग़ज़ल, तो एक एलानिया बयान है कि हाँ मैं ऐसा ही हूँ, भले ही तुम्हारी दुनिया मुझे पागल समझे | हर शेर अपने आप में एकबालिया बयान है इस शायर को पागलख़ाने में डालने के लिए।