यहूदी की लड़की वाक्य
उच्चारण: [ yhudi ki ledeki ]
उदाहरण वाक्य
- मतलब यह कि यहूदी की लड़की मारकस से नहीं उसके यहूदी वेश के चलते ही उसकी तरफ अपना झुकाव महसूस करती है जो बाद में प्रेम का रूप ले लेता है.
- 1954 से 1957 के बीच आई फिल्म ' डाकू की लड़की ‘, ' बहू ‘, ' अरब का सौदागर ‘, ' एक झलक ‘ और ' यहूदी की लड़की ‘ में इन्होंने गीत लिखा।
- दिलीप कुमार के साथ यहूदी की लड़की, मुगल-ए-आजम, कमाल अमरोही की पाकीजा सहित करीब एक हजार फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट की भूमिका कर सुपरहिट फिल्म गूंज उठी शहनाई में संतोष को एक बेहतरीन रोल मिला.
- ‘ यहूदी की लड़की ' में सहगल के गाए ग़ालिब की मशहूर ग़ज़ल “ नुक्ताचीं है ग़म-ए-दिल उसको सुनाये ना बने ” को पंकज मल्लिक ने राग भीमपलासी में स्वरबद्ध कर सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।
- 1933 में ही न्यू थियेटर्स ने हिंदी में यहूदी की लड़की फिल्म बनाई, जो आगा हश्र कश्मीरी के नाटक पर आधारित थी और जिसमें सांप्रदायिकता के प्रश्न को उठाया गया था तथा सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया गया था।
- यहूदी की लड़की से अपना सफर शुरू करने वाली एकजुट थिएटर ग्रुप की संस्थापक नादिरा ने संध्या छाया, लुक बैक इन एंगर, बल्लबपुर की रूपकथा, बात लात की हालात की, भ्रम के भूत और बेगम जान सहित कितने ही नाटकों का निर्देशन किया।
- यहूदी की लड़की से अपना सफर शुरू करने वाली एकजुट थिएटर ग्रुप की संस्थापक नादिरा अभी तक संध्या छाया, लुक बैक इन एंगर, बल्लभपुर की रूपकथा, बात लात की हालात की, भ्रम के भूत और बेगम जान सहित कितने ही नाटकों का मंचन कर चुकी हैं।
- इसके अलावा ‘ अमली ', जांच पड़ताल, चरन दास चोर, धासीराम कोतवाल, सिंहासन खाली है, यहूदी की लड़की, बड़ा नटकिया कौन, कलिंग विजय, कंपनी उस्ताद, बिदेसिया जैसे चर्चित एवं मशहूर नाटकों को मंचन गांव के कलाकारों ने किया है।
- हालाँकि स्पष्ट नहीं है पर मैं यह मान लेता हूँ कि अनजाना जी ने जो उत्तर दिया है वोह शायर के नाम के बारे में है और फिल्म के नाम से नहीं. यह गज़ल फिल्म ' मिर्ज़ा ग़ालिब ' में सुरैया जी ने ज़रूर गायी थी पर सहगल साहेब ने इसे गाया था फिल्म ' यहूदी की लड़की ' में. अवध लाल
- कलकत्ता के जमुनादास मेहरा का कृष्ण सुदामा और सूरदास, पंडित नारायण प्रसाद ' बेताब ' देहलवी का महाभारत, नई जिंदगी, भारत रमणी, आगा हश्र कश् मीरी का यहूदी की लड़की, आंख का नशा, दगाबाज दोस्त, पंडित राधेश्याम रामायणी कथावाचक का ऊषा अनिरुद्ध, वीर अभिमन्यु और किशनचंद जेबा का जब्तशुदा नाटक भक्त प्रह्लाद आदि भी यहां खेले गए।