यूक वाक्य
उच्चारण: [ yuk ]
उदाहरण वाक्य
- विभिन्न राज्यों में कंपनियों के रजिस्ट्रार मुख्य रुप से कंपनी के निगमीकरण, कंपनियों के नाम परिवर्तन, वित्तीय वर्ष परिवर्तन, कंपनियों के निजी से सार्वजनिक और इसके रुपांरण, कंपनियों के नामों को काटने और कंपनियों के विरुद्ध यूक संबंधी कार्रवाई का कार्य करते हैं।
- विभिन्न राज्यों में कंपनियों के रजिस्ट्रार मुख्य रुप से कंपनी के निगमीकरण, कंपनियों के नाम परिवर्तन, वित्तीय वर्ष परिवर्तन, कंपनियों के निजी से सार्वजनिक और इसके रुपांरण, कंपनियों के नामों को काटने और कंपनियों के विरुद्ध यूक संबंधी कार्रवाई का कार्य करते हैं।
- जीसस ने ल् यूक 4: 4 में दृढ़ता से कहा है, “ मनुष् य को मात्र रोटी पर नहीं जीना चाहिए, बल्कि परमेश् वर के प्रत् येक शब् द पर जीना चाहिए ” (ल् यूक 4: 4) ।
- जीसस ने ल् यूक 4: 4 में दृढ़ता से कहा है, “ मनुष् य को मात्र रोटी पर नहीं जीना चाहिए, बल्कि परमेश् वर के प्रत् येक शब् द पर जीना चाहिए ” (ल् यूक 4: 4) ।
- हाथ की नाप का क्रम यह है-8 अणु का रज, 8 रज का बाल, 8 बल का लिक्षा, 8 लिक्षा का यूक, 8 यूक का यव, 8 यव का अंगुल, 24 अंगुल का हाथ (लगभग डेढ़ फुट) और चार हाथ का दंड होता है।
- जीसस क्राइस् ट, उसके अनुयायी और प्रारंभिक चर्च ने हमेशा परमेश् वर के आदेशित सबाथ का पालन किया (ल् यूक 4: 16 ; एक् ट्स 17: 2), और आगामी सहस्राब् दी में क्राइस् ट के पृथ् वी पर शासन के दौरान इसका ”
- विभिन् न राज् यों में कंपनियों के रजिस् ट्रार मुख् य रुप से कंपनी के निगमीकरण, कंपनियों के नाम परिवर्तन, वित् तीय वर्ष परिवर्तन, कंपनियों के निजी से सार्वजनिक और इसके रुपांरण, कंपनियों के नामों को काटने और कंपनियों के विरुद्ध यूक संबंधी कार्रवाई का कार्य करते हैं।
- 2. अखमीरी रोटी के सातों दिन सामान् यत: आस्तिकों के जीवन से दुर्भावना और द्वेष के खमीर को बाहर फेंकते हैं और परमेश् वर के स् वभाव, “ विश् वास और सत् य की अखमीरी रोटी ” को आत् मसात करते हैं (1 कुरिन्थियोंस 5: 6-13 ; ल् यूक 12: 1) ।
- जब भी वह उतरता, दरवाजे से लौटकर दूसरे मनोवैज्ञानिक के ऊपर थूकता, चला जाता अपनी तरफ ; और दूसरा चुपचाप अपना रूमाल निकालकर अपना मुंह पोंछ लेता, टाई पोंछ लेता, या कोट पर पड़ गया होता यूक, पोंछ लेता, रख लेता और अपना बस तैयारी करने लगता, क्योंकि पंद्रहवीं या बीसवीं मंजिल पर उसको उतरना था।
- क्राइस् ट के दूसरे आगमन पर, ऐसे सभी लोगों को, जिन् होंने इस जीवन में परिवर्तन किया है, भले ही वे मृत या जीवित हों, संपूर्ण “ परमात् मा के पुत्र के रूप में जन् म लेने के लिए, नवीकरण के पुत्र होने के लिए ”-अमरत् व प्रदान किया जाएगा (ल् यूक 20: 36) ।