यू आर अनंतमूर्ति वाक्य
उच्चारण: [ yu aar anentemureti ]
उदाहरण वाक्य
- नई दिल्ली | नरेंद्र मोदी विरोधी बयान से विवादों में घिरे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित यू आर अनंतमूर्ति ने कहा कि मोदी को हिंदुत्व की समझ नहीं है, वह इसकी विविधता नष्ट कर देंगे।
- मेरे कार्यकाल में ही पहली बार भारतीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ लेखकों को वृहत्तर सदस्यता दी गई, जिनमें विजयदान देथा, यू आर अनंतमूर्ति, शंख घोष, निर्मल वर्मा, अमृता प्रीतम, विष्णु प्रभाकर, कर्तार सिंह दुग्गल जैसे नाम शामिल हैं।
- नरेंद्र मोदी विरोधी बयान से विवादों में घिरे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित यू आर अनंतमूर्ति ने कहा कि मोदी को हिंदुत्व की समझ नहीं है वह इसकी विविधता नष्ट कर देंगे। उन्होंने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी बौद्धिक रूप से खोखले हैं, इसलिए उन्हें दिखावा पसंद है।
- मोदी की आलोचना से चर्चित हुए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित यू आर अनंतमूर्ति ने कहा है कि कि सहनशीलता और सामंजस्य हिंदुत्व का मूल है, मोदी इस खूबसूरती को नष्ट कर देंगे. इससे पहले मूर्ति ने कहा था कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर वह देश छोड़ देंगे. प्रस्तुत है समाचार पत्र हिंदू में प्रकाशित उनके साक्षात्कार का मुख्य अंश
- कन्नड़ के प्रसिद्ध साहित्यकार व भारत के उच्चतम राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, से सम्मानित श्री यू आर अनंतमूर्ति का विगत एक दो दिन में अजीबोगरीब कथन आया है कि श्री नरेंद्र मोदी व उनके समर्थक फॉसी स्ट हैं व यदि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमन्त्री बन जाते हैं तो श्री अनंतमूर्ति अपने भारतदेश का ही परित्याग कर कहीं बाहर चले जायेंग े।
- इनमें चाइनामैन के अतिरिक्त निम्नांकित पुस्तकें थी-1. यू आर अनंतमूर्ति की अनुवादित पुस्तक ‘ भारतीपुत्र ' 2. चंद्रकांता की पुस्तक ‘ ए स्ट्रीट इन श्रीनगर ' 3. उषा के आर की किताब ‘ मंकी-मैन ' 4. तबिश ख़ैर की किताब ‘ द थिंग अबाउट ठग्स ' 5. कावेरी नंबिसन की पुस्तक ‘ द स्टोरी दैट मस्ट नॉट बी टोल्ड '
- विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों के प्रति धार्मिक पूर्वाग्रहों और कट्टरता वादी तत्वों के बढ़ते हस्तक्षेप पर चिंता प्रकट करते हुए रोमिला थापर, यू आर अनंतमूर्ति, गोपाल कृष्ण गांधी, एन राम आदि सहित देश के शीर्ष बुद्धिजीवियों और अकादमिक विद्वानों ने उचित ही यह मांग की है कि साहित्य, मानविकी और समाज विज्ञानों के पाठ्यक्रम में गलत रुझानों और प्रतिगामी प्रवृत्तियों को चिन्हित करने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाये.